क्या बिहार चुनाव 2025 में एक्जिट पोल पर रोक लगाई गई है?
सारांश
Key Takeaways
- एक्जिट पोल पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।
- मतदान समाप्ति के 48 घंटे तक किसी भी ओपिनियन पोल के परिणाम नहीं दिखाए जा सकते।
- ये नियम अन्य राज्यों के उपनिर्वाचन पर भी लागू होंगे।
- मतदाता की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास।
पटना, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के संदर्भ में भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक नई अधिसूचना जारी की है। इसमें एक्जिट पोल से संबंधित नियमों को स्पष्ट किया गया है। इसका उद्देश्य मतदान के दौरान जनता की सोच और परिणामों को प्रभावित किए बिना चुनाव को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराना है।
निर्वाचन आयोग ने बताया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 6 नवंबर को सुबह 7 बजे से लेकर 11 नवंबर की शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का आयोजन या उसके परिणामों का मीडिया में प्रकाशन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
इसका अर्थ है कि इस अवधि में कोई भी समाचार चैनल, अखबार या वेबसाइट मतदाताओं के मतदान के आधार पर किसी भी भविष्यवाणी को नहीं दिखा सकते। ये नियम केवल बिहार विधान सभा के चुनावों के लिए नहीं, बल्कि अन्य 7 राज्यों में होने वाले 8 उपनिर्वाचनों पर भी लागू होंगे।
साथ ही, अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि मतदान समाप्ति के समय से 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाना निषिद्ध है। यह नियम सभी मीडिया हाउस और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लागू है।
सरल शब्दों में कहें तो चुनाव के दौरान और मतदान समाप्त होने के 48 घंटे बाद कोई भी चैनल, अखबार या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मतदाताओं के मतदान के आधार पर नतीजे दिखाने या फैलाने का कार्य नहीं कर सकता।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि चुनाव से पूर्व या दौरान किसी भी प्रकार की भविष्यवाणी या परिणाम का प्रचार मतदाताओं की राय को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इस प्रकार का सख्त नियम लागू किया गया है।
इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपने मत का प्रयोग कर सकें। इस परिप्रेक्ष्य में सभी मीडिया चैनलों के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है।