क्या बिहार चुनाव में बेनीपट्टी सीट पर भाजपा और कांग्रेस का मुकाबला होगा? ब्राह्मणों का आशीर्वाद क्यों है आवश्यक?

सारांश
Key Takeaways
- बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,21,972 है।
- यह क्षेत्र ब्राह्मणों की बहुलता के लिए जाना जाता है।
- 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी।
- बागमती नदी क्षेत्र का प्रमुख जल स्रोत है।
- इस क्षेत्र में बाढ़ का खतरा अक्सर बना रहता है।
पटना, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार का मधुबनी जिला मिथिला क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र आता है। यह क्षेत्र ब्राह्मणों की बहुलता के लिए जाना जाता है, इसलिए राजनीतिक दल अक्सर यहाँ ब्राह्मण उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं। अब तक के 17 विधानसभा चुनावों में से 11 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों ने विजय प्राप्त की है। अगर हम 2010 से अब तक हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर नजर डालें, तो इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलता है।
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में स्थित बेनीपट्टी एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है। यह केवल एक विधानसभा क्षेत्र नहीं है, बल्कि मधुबनी जिले का एक अनुमंडल भी है। यह क्षेत्र पारंपरिक शिक्षा का केंद्र रहा है और आज भी इसे अपनी मिथिला संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा मैथिली है और यह मधुबनी चित्रकला का उद्गम स्थल भी है।
भौगोलिक दृष्टि से बेनीपट्टी नेपाल की सीमा और हिमालय की तराई के निकट स्थित है। यहाँ से बागमती नदी बहती है, जिसके किनारे कई छोटी नदियाँ, नहरें और तालाब हैं। इस क्षेत्र में बाढ़ का खतरा अक्सर बना रहता है। आय के मुख्य स्रोत कृषि और छोटे व्यापार हैं।
बागमती नदी नेपाल की काठमांडू घाटी से निकलकर भारत में प्रवेश करती है और यहाँ कोसी नदी में मिल जाती है। यह नदी हिंदू और बौद्ध धर्म के लिए एक पवित्र नदी मानी जाती है, जिसके किनारे कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल, जैसे कि पशुपतिनाथ मंदिर, स्थित हैं।
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,21,972 है, जिनमें 2,71,156 पुरुष और 2,50,816 महिलाएँ शामिल हैं। वोटरों की संख्या 3,07,579 है, जिनमें 1,61,305 पुरुष, 1,46,266 महिलाएँ और 8 थर्ड जेंडर वोटर हैं।
1951 में बेनीपट्टी विधानसभा सीट का गठन हुआ था और तब से अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस को 6 बार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को 4 बार जीत मिली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 2-2 बार जीत हासिल की है। 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) ने भी यहाँ जीत दर्ज की थी। बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण वोटरों की संख्या अधिक होने के कारण इसका चुनावी परिणामों पर गहरा असर पड़ता है।
2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार विनोद नारायण झा ने बेनीपट्टी सीट पर विजय प्राप्त की थी, लेकिन 2015 में जदयू के महागठबंधन में शामिल होने के कारण कांग्रेस की भावना झा ने भाजपा को हराया। 2020 में जदयू के एनडीए में लौटने के बाद भाजपा ने पुनः जीत हासिल की और विनोद नारायण झा को सफलता मिली।