क्या बिहार के पहले चरण के चुनाव के लिए ईवीएम-वीवीपैट का रैंडमाइजेशन पूरा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- ईवीएम और वीवीपैट का रैंडमाइजेशन पूरा हुआ।
- 18 जिलों में डीईओ द्वारा प्रक्रिया की गई।
- यह चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सभी राजनीतिक दलों को सूची सौंपी गई है।
- उम्मीदवारों को जानकारी मिलेगी कि उनके क्षेत्र में कौन सी मशीनें होंगी।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि बिहार में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए ईवीएम और वीवीपैट का पहला रैंडमाइजेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह प्रक्रिया 11 अक्टूबर को 18 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा की गई, जिन्होंने पहले स्तर की जांच (एफएलसी) में पास हुई मशीनों का उपयोग किया।
रैंडमाइजेशन की यह प्रक्रिया राष्ट्रीय और राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ईवीएम प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) के माध्यम से संपन्न हुई। यह चुनाव प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता, निष्पक्षता, और किसी भी प्रकार की धांधली को रोकना है।
इस दौरान 54,311 बैलट यूनिट (बीयू), 54,311 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 58,123 वीवीपैट को 121 विधानसभा क्षेत्रों के 45,336 मतदान केंद्रों में बाँटा गया। यह बंटवारा पूरी तरह से यादृच्छिक तरीके से किया गया, ताकि चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे।
रैंडमाइजेशन के पश्चात तैयार की गई ईवीएम और वीवीपैट की सूची सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उनके जिला मुख्यालयों पर सौंप दी गई है। इसके बाद इन मशीनों को दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संबंधित विधानसभा के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा। यह कदम चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
ईसीआई ने बताया कि उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह सूची सभी उम्मीदवारों के साथ भी साझा की जाएगी। इससे हर उम्मीदवार को यह पता चलेगा कि उसके क्षेत्र में कौन सी मशीनें इस्तेमाल होंगी। यह प्रक्रिया बिहार में पहले चरण के चुनाव को निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वहीं, राजनीतिक दलों ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा कि उनकी उपस्थिति में हुई इस प्रक्रिया से विश्वास बढ़ा है। ईसीआई का कहना है कि आगे भी हर चरण में पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी। बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद यह पहला बड़ा कदम है और लोग इसे लेकर उत्साहित हैं।