क्या बिहार चुनाव में जनता के विश्वास और सुशासन की जीत हुई है? : प्रकाश जावड़ेकर
Key Takeaways
- एनडीए की जीत जनता के विश्वास का प्रतीक है।
- सुशासन को प्राथमिकता देने वाली सरकार की आवश्यकता है।
- राहुल गांधी के आरोपों को जनता ने खारिज किया है।
- विपक्षी दलों के पास ठोस मुद्दों की कमी है।
- बिहार के लोग अब जंगलराज और वंशवादी राजनीति नहीं चाहते।
पुणे, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनडीए की ऐतिहासिक जीत पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस संदर्भ में, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एनडीए की बढ़त को जनता के विश्वास और सुशासन की जीत बताया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार में एनडीए की शानदार विजय निश्चित है, अंतिम घोषणा केवल एक औपचारिकता है। एनडीए को 200 से अधिक सीटों पर जीत मिलने की संभावना है।
जावड़ेकर ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जनता के गहरे विश्वास और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व का परिणाम है। बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को ‘सुशासन बाबू’ के नाम से जाना है और उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो विकास करे, स्थिरता प्रदान करे और प्रशासनिक पारदर्शिता बनाए रखे। उन्होंने कहा कि सत्ता विरोधी माहौल की अवधारणा अब पुरानी हो चुकी है, और मोदी सरकार लगातार जनता के विश्वास के कारण वापसी करती रही है।
जावड़ेकर ने यह भी कहा कि अप्रैल में होने वाले पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के विधानसभा चुनावों में भी बिहार की तरह ही परिणाम देखने को मिलेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी और अनियमितताओं के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले भी प्रधानमंत्री मोदी पर कई आरोप लगाए हैं, लेकिन जनता ऐसे आरोपों को गंभीरता से नहीं लेती। अब परिवार के नाम पर वोट मिलने की प्रवृत्ति समाप्त हो चुकी है। जनता अब समझदारी, अनुभव और काम के आधार पर मतदान करती है।
जावड़ेकर ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव द्वारा किए गए आश्वासनों को जनता ने खारिज कर दिया है क्योंकि बिहार के लोग अब जंगलराज, कट्टा राज और वंशवादी राजनीति नहीं चाहते हैं।