क्या शहाबुद्दीन के बेटे को राजद का टिकट देना उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- राजद ने शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दिया है।
- चंदा बाबू के बेटे मोनू ने टिप्पणी करने से इंकार किया।
- जनता को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
- कानून-व्यवस्था को बनाए रखना आवश्यक है।
- यह निर्णय बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
पटना, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने दिवंगत नेता और बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट प्रदान किया है। इस पर शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले चंदा बाबू के बेटे मोनू ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस पर मैं क्या ही कहूंगा। यह पार्टी का निर्णय है कि किसे चुनावी मैदान में उतारना है और किसे नहीं। कुल मिलाकर, मैं यही कहना चाहूंगा कि कोई भी पार्टी एक ऐसे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारे, जो लोगों के हितों को तवज्जो दे और उनकी भलाई के लिए काम करे।
उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति चुनावी मैदान में उतरे, उसे जनता के साथ संवाद स्थापित करना आता हो। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि लोग चुनाव जीतने के बाद जनता की सुध लेना भी जरूरी नहीं समझते। ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं यही कहूंगा कि जो भी चुनाव जीते, वो जनता के साथ संवाद स्थापित करें। उनकी समस्याओं का समाधान करें। जैसा हमारे साथ हुआ, वैसा किसी के साथ न हो। सीवान में कानून-व्यवस्था कायम रहे। कोई भी व्यक्ति कानून-व्यवस्था का मजाक नहीं बनाए।
शहाबुद्दीन के बेटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ओसामा को रघुनाथपुर से ही टिकट दिया गया है। इस पर मैं किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करूंगा। अब उसकी स्थिति चुनाव में कैसी रहती है, इस पर मैं किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। इसका फैसला तो प्रदेश की जनता को करना है।
इसके अलावा, जब उनसे पूछा गया कि ओसामा को टिकट देना कहां तक उचित है, तो उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करूंगा। इसका फैसला तो जनता को करना है।
बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल के दिवंगत नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को रघुनाथपुर से टिकट दिया गया है। इसे लेकर बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यह ताज्जुब की बात है कि शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दे दिया गया। क्या ऐसी स्थिति में बिहार सुरक्षित रहेगा?