क्या जनता ने एनडीए पर दिखाया विश्वास, नीतीश कुमार ही रहेंगे मुख्यमंत्री?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की प्रचंड जीत जनता के विकास कार्यों का प्रमाण है।
- नीतीश कुमार का नेतृत्व पर भरोसा कायम है।
- विपक्ष की बिखरती स्थिति नए मुद्दों की आवश्यकता को दर्शाती है।
पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए को एक विशाल विजय प्राप्त हुई है। इस पर जेडीयू नेता ऋतुराज कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जनता द्वारा किए गए विकास कार्यों पर मुहर है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, क्योंकि एनडीए ने पहले से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि नेतृत्व की पहचान वही होगी।
ऋतुराज कुमार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पहले दिन से मैं कहता आ रहा हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जो काम किए हैं, उससे हर वर्ग को लाभ मिला है। वृद्धा पेंशन, महिलाओं के सशक्तिकरण और कई सामाजिक योजनाओं ने गरीबों और वंचितों को आत्मबल दिया है। जनता इन योजनाओं से संतुष्ट है और इसका परिणाम एनडीए को प्राप्त बहुमत है।
उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के नारे '25 से 30, फिर से नीतीश' का हवाला देते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि गठबंधन का चेहरा केवल नीतीश कुमार है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ स्व-घोषित युवराजों ने खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बताने की कोशिश की, लेकिन हमने उसी दिन कह दिया था कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार थे, हैं और रहेंगे।
ऋतुराज कुमार ने विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों को पुरानी आदत बताया। उन्होंने कहा कि जहां विपक्ष जीतता है, वहां वे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाते, लेकिन जहां हार होती है, वहां वोट चोरी और अनियमितताओं का आरोप लगाने लगते हैं। प्रश्नचिह्न लगाना आसान है, लेकिन सिद्ध करना कठिन है। हार पच नहीं रही है क्योंकि उनके पास मुद्दे ही नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी तरह बिखर चुका है और जनता सब कुछ जानती है।