क्या बिहार-झारखंड की जनता को जेएमएम की समीक्षा बैठक से कोई फर्क पड़ेगा? सीपी सिंह का बयान

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क्या बिहार-झारखंड की जनता को जेएमएम की समीक्षा बैठक से कोई फर्क पड़ेगा? सीपी सिंह का बयान

सारांश

सीपी सिंह ने जेएमएम की समीक्षा बैठक को लेकर तीखा बयान दिया है। उनका कहना है कि इससे बिहार और झारखंड की जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जानिए इस बयान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • सीपी सिंह ने जेएमएम की समीक्षा बैठक को बेमतलब बताया।
  • बिहार और झारखंड की जनता पर इसका कोई असर नहीं होगा।
  • जेएमएम ने महागठबंधन से सीट न मिलने पर चुनाव न लड़ने का फैसला किया।

रांची, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जेएमएम की समीक्षा बैठक से बिहार और झारखंड की जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, 'इस समीक्षा का कोई अर्थ नहीं है। चुनाव के बाद समीक्षा की आवश्यकता क्यों है, यह मुझे समझ नहीं आता। जेएमएम बिहार चुनाव नहीं लड़ रही, गठबंधन में उन्हें कोई सीट नहीं मिली। फिर यह समीक्षा करने का क्या लाभ है?'

उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे न तो बिहार की जनता को कोई फर्क पड़ता है और न ही झारखंड की। भाजपा के डर से 'चोर-चोर मौसेरे भाई' एकजुट हो रहे हैं। जेएमएम की समीक्षा बैठक करने की हिम्मत नहीं है। यह सब केवल मीडिया में बने रहने के लिए किया जा रहा है, इसके अलावा और कुछ नहीं।

ज्ञात रहे कि जेएमएम झारखंड में कांग्रेस-राजद के साथ गठबंधन में है। बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम महागठबंधन के साथ मिलकर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी और बताया गया कि जेएमएम ने छह सीटों की मांग की थी। लेकिन महागठबंधन द्वारा सीट नहीं मिलने के कारण जेएमएम में नाराजगी थी।

इसीलिए जेएमएम ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद यह कयास लगाए गए कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। जेएमएम ने राजद-कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया। हालांकि, झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने माना कि जेएमएम बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेना चाहता था, जो स्वाभाविक है।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जेएमएम को सीट मिलनी चाहिए थी। गठबंधन में क्या तय हुआ, इसके बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सीट नहीं मिली, यह दुखद है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, हेमंत सोरेन त्याग करना अच्छी तरह जानते हैं; चुनाव के बाद सबकुछ सुलझा लिया जाएगा।

Point of View

तो यह महत्वपूर्ण है कि दल उनकी आवश्यकताओं और चिंताओं को प्राथमिकता दें। यह स्थिति हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या राजनीतिक दल सच में जनता के लिए काम कर रहे हैं या सिर्फ अपने हितों के लिए।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

जेएमएम की समीक्षा बैठक का उद्देश्य क्या है?
जेएमएम की समीक्षा बैठक का उद्देश्य अपने पिछले चुनावी प्रदर्शन का आकलन करना और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना है।
सीपी सिंह का बयान किस संदर्भ में है?
सीपी सिंह ने जेएमएम की समीक्षा बैठक को बेमतलब बताते हुए कहा कि इससे जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
जेएमएम ने चुनाव न लड़ने का निर्णय क्यों लिया?
जेएमएम ने महागठबंधन से सीट न मिलने के कारण चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया।