क्या शिक्षा का प्रकाश व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है?: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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क्या शिक्षा का प्रकाश व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है?: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेंट थॉमस कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समारोह में भाग लेते हुए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इसे विकास और प्रगति की कुंजी बताया। जानिए इस समारोह में उन्होंने क्या कहा और शिक्षा के क्षेत्र में केरल की भूमिका के बारे में क्या विचार प्रस्तुत किए।

Key Takeaways

  • शिक्षा विकास और प्रगति का आधार है।
  • सेंट थॉमस कॉलेज ग्रामीण शिक्षा का प्रतीक है।
  • ज्ञान की सदी में नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • केरल ने मानव विकास के मापदंडों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
  • शिक्षा का प्रकाश सभी के लिए आवश्यक है।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को केरल के पलाई में सेंट थॉमस कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास और प्रगति की कुंजी है। उन्होंने कहा कि सेंट थॉमस कॉलेज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को शिक्षा प्रदान करना था। राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह कॉलेज पिछले 75 वर्षों से इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को पूरा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सेंट थॉमस कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थान भविष्य की निर्माण की कार्यशालाएं हैं। उन्होंने समग्र शिक्षा और सामाजिक न्याय पर इसके जोर के साथ-साथ कॉलेज द्वारा सततता और समावेशिता के मूल्यों को बढ़ावा देने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि यह कॉलेज नैतिक मूल्यों के साथ बौद्धिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 21वीं सदी को 'ज्ञान की सदी' कहा जाता है। नवाचार को बढ़ावा देने वाला ज्ञान समाज को आगे बढ़ाता है और उसे आत्मनिर्भर बनाता है। साक्षरता, शिक्षा और ज्ञान की शक्ति ने केरल को मानव विकास के कई मापदंडों पर अग्रणी राज्यों में शामिल होने में सक्षम बनाया है।

राष्ट्रपति ने कोट्टायम के बारे में बात करते हुए कहा कि इस शहर ने सामाजिक और शैक्षिक परिवर्तनों के महत्वपूर्ण अध्याय देखे हैं। अस्पृश्यता उन्मूलन का महान आंदोलन, जिसे 'वायकोम सत्याग्रह' के नाम से जाना जाता है, सौ साल पहले कोट्टायम में हुआ था। इसे 'अक्षर-नगरी' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह साक्षरता और शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। 'साक्षर केरलम' आंदोलन को इस क्षेत्र के लोगों द्वारा निभाई गई बहुत सक्रिय भूमिका वाले प्रयासों से मजबूती मिली। पुस्तकालय आंदोलन के माध्यम से सीखने को बढ़ावा देने की पीएन पणिक्कर की महान पहल 'वायचु वलारुगा' के सरल लेकिन प्रभावशाली संदेश से प्रेरित था, जिसका अर्थ है 'पढ़ो और बढ़ो'।

राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि शिक्षा का प्रकाश व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने शिक्षा का प्रकाश फैलाने में सेंट थॉमस कॉलेज के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सेंट थॉमस कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना जारी रखेगा और इस प्रकार 2047 तक एक अधिक न्यायसंगत समाज और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देगा।

--आईएएएस

डीकेपी/

Point of View

बल्कि समाज की प्रगति के लिए भी आवश्यक है। हमें इस दिशा में और प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि हम एक सशक्त और शिक्षित समाज का निर्माण कर सकें।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

सेंट थॉमस कॉलेज का उद्देश्य क्या है?
सेंट थॉमस कॉलेज का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है।
राष्ट्रपति ने शिक्षा के बारे में क्या कहा?
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही विकास और प्रगति की कुंजी है।
कोट्टायम शहर की पहचान क्या है?
कोट्टायम को 'अक्षर-नगरी' के नाम से जाना जाता है, यह साक्षरता और शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है।