क्या बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय में चुनावी रणनीति और विकास की होड़ तेज हो गई है?

सारांश
Key Takeaways
- बेगूसराय का औद्योगिक विकास महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक समीकरण चुनाव में निर्णायक हो सकते हैं।
- बिहार चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या महत्वपूर्ण है।
- बरौनी रिफाइनरी जैसे उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
- 2024 के चुनावों में सामाजिक न्याय का मुद्दा उठ सकता है।
बेगूसराय, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की औद्योगिक और आर्थिक राजधानी के रूप में पहचाना जाने वाला बेगूसराय न केवल गंगा के उत्तरी तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह राज्य के 38 जिलों में से एक प्रमुख जिला मुख्यालय भी है। मिथिला क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के नाते, यह शहर सांस्कृतिक धरोहरों से भरा हुआ है।
मुंगेर जिले के अनुमंडल के रूप में 1870 में स्थापित बेगूसराय को 1972 में पूर्ण जिला का दर्जा प्राप्त हुआ। इसका नाम 'बेगम सराय' से प्रेरित माना जाता है, जहाँ भागलपुर की बेगम सिमरिया घाट पर धार्मिक यात्रा करती थीं। आज यह जिला बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, गंगा, बूढ़ी गंडक और करेहा-बागमती के बीच कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के साथ औद्योगिक हब के रूप में उभरा है।
संस्कृति और अर्थव्यवस्था के दृष्टि से, बेगूसराय में हिंदी और मैथिली प्रमुख भाषाएँ हैं। वहीं, कृषि यहाँ की रीढ़ है, लेकिन बरौनी रिफाइनरी राज्य को सालाना सैकड़ों करोड़ रुपए का राजस्व देती है। इसके अलावा, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड और थर्मल पावर प्लांट जैसे उद्योग रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो 20वीं सदी की शुरुआत में भूमिहार समुदाय का दबदबा था, जो कांग्रेस और बाद में जद (यू) का समर्थन करता रहा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के दौर में यहाँ भूमि सुधार और सामाजिक न्याय की लहर चली। बाद में यहाँ पर हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला और सीपीआई का प्रभाव कम हुआ।
1951 में स्थापित बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र बेगूसराय लोकसभा के सात विधानसभा क्षेत्रों, चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमल, बेगूसराय और बखरी (एससी), में से एक है। 18 चुनावों में कांग्रेस ने आठ बार, भाजपा ने छह बार जीत हासिल की। सीपीआई को तीन जीत मिलीं। वर्तमान विधायक भाजपा के कुंदन कुमार हैं, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस की अमिता भूषण को 4,554 वोटों से हराया। 2024 लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह को यहाँ से 25,633 वोटों की बढ़त मिली।
चुनाव आयोग की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 5,94,850 है। इनमें पुरुषों की संख्या 3,13,988 और महिलाओं की संख्या 2,80,862 है। वहीं, अगर मतदाताओं की बात करें तो बेगूसराय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,59,529 है, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,89,692 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,69,829 है, जबकि थर्ड जेंडर के 8 मतदाता हैं।
बेगूसराय औद्योगिक विकास के साथ राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बन गया है। भाजपा ग्रामीण-शहरी समर्थन पर भरोसा कर रही है, जबकि विपक्ष सामाजिक न्याय का मुद्दा उठा रहा है। चुनावी जंग में यह सीट निर्णायक साबित हो सकती है। विकास और बुनियादी सुविधाओं पर जोर देकर एनडीए मजबूत स्थिति में है, लेकिन स्थानीय असंतोष चुनौती पैदा कर सकता है। बिहार की सियासत में बेगूसराय की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है।
यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार चुनाव में दो चरणों, 6 और 11 नवंबर, में मतदान होगा। सभी सीटों के नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे। बेगूसराय में मतदान पहले चुनावी चरण में प्रस्तावित है।