क्या बिहार की जनता कट्टा, कटुता और जंगलराज की राजनीति करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी?: पीयूष गोयल
सारांश
Key Takeaways
- बिहार की जनता जागरूक हो चुकी है और अब जंगलराज नहीं चाहती।
- बिहार में डबल इंजन वाली सरकार की प्रगति हो रही है।
- कई योजनाएं हर वर्ग के विकास के लिए तैयार की गई हैं।
- खिलौना उद्योग की योजना भी बनाई गई है।
- किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतियां तैयार की गई हैं।
पटना, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को बिहार के नागरिकों पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस चुनाव में यहां की जनता कट्टा, कटुता और जंगलराज की राजनीति करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है।
पीयूष गोयल ने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है और अब उन्हें जंगलराज नहीं चाहिए, जो बिहार की पिछड़ापन का कारण बना था।
पटना स्थित भाजपा मीडिया सेंटर में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस सहित कई अन्य दल एक बार फिर बिहार में वैसी ही सरकार लाने के प्रयासों में हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि बिहार के लोग उनके झूठे वादों में नहीं आएंगे।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के सुशासन में बिहार की प्रगति को हम सभी ने देखा है। जिस तरह डबल इंजन की सरकार ने लोगों की सेवा की और अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया है, वह देश ने महसूस किया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की सरकार में बिहार तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार ने देश का गौरव बढ़ाया है। बिहार के लोग अच्छे उद्यमी बने हैं। आज बिहार में 4 हजार स्टार्टअप देखने को मिलते हैं। उन्होंने इस चुनाव के लिए जारी एनडीए के संकल्प पत्र की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के विकास के वादे के साथ एक प्रतिबद्धता को लेकर एनडीए निकला है, जो बिहार को और गति देगा। एक करोड़ युवाओं को नौकरियां, बहनों को 10 हजार रुपए नए व्यवसाय के लिए सरकार ने पेश किए हैं, एक करोड़ लखपति दीदी बनाने का संकल्प और किसान सम्मान के तहत 9 हजार की राशि, शिक्षा के क्षेत्र में मुफ्त शिक्षा सहित कई योजनाएं हर वर्ग के उज्जवल भविष्य को दर्शाती हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं रहेगा जो वंचित हो और हर क्षेत्र में विकास होगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने खिलौना बनाने के लिए भी योजना बनाई है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए भी तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि सोची-समझी नीति के अंतर्गत औद्योगिकीकरण की दिशा में योजनाएं तैयार की गई हैं।