क्या बिहार के मधुबनी में स्टार्टअप इंडिया पहल ने सफलता के नए अध्याय लिखे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- स्टार्टअप इंडिया योजना ने मधुबनी में रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं।
- स्थानीय उद्यमिता को सशक्त बनाने के लिए नई कंपनियों का निर्माण हो रहा है।
- युवाओं के लिए नए सपनों को साकार करने का अवसर मिल रहा है।
- ये पहल स्थानीय निवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं।
- भारत ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक प्रमुख स्थान हासिल किया है।
मधुबनी, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना स्टार्टअप इंडिया ने बिहार के मधुबनी जिले में अद्वितीय लाभ प्रदान किया है। यह योजना रोजगार के नए अवसरों के द्वार खोलकर जिले में निवेश के परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। इसका एक उदाहरण पंडौल औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित एक रासायनिक और गैस कंपनी है, जिसने अपने प्रयासों से रोजगार के प्रचुर अवसर उत्पन्न किए हैं।
लगभग डेढ़ साल पहले स्थापित की गई इस कंपनी ने 80 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है।
कंपनी के मालिक और इंजीनियर अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया योजना ने उनके सपनों को साकार करने में मदद की।
उन्होंने बताया कि मैंने 2022 में इस परियोजना के लिए ज़मीन के लिए आवेदन किया था। हमें 32 लाख रुपए में 32,000 वर्ग फुट या लगभग एक एकड़ ज़मीन मिली। इस निवेश से हमें स्थानीय लोगों को रोजगार देने में मदद मिली। राज्य सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन हमारी परियोजना की कुल लागत के बराबर हैं। पिछले डेढ़ साल में हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।
कंपनी की सहायक प्लांट मैनेजर इंजीनियर नूपुर झा ने कहा कि मैं पहले गुजरात में काम करती थी, लेकिन अब बिहार में काम करके बहुत खुश हूं। मुझे यहाँ वेतन में कोई कटौती नहीं करनी पड़ी है और मेरे सहकर्मी बहुत सहयोगी हैं। मैं इस योजना के तहत स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करती हूँ।
वहीं, सुपरवाइजर संतोष शर्मा ने कहा कि यहाँ काम करना गर्व और संतोष की बात है। यहाँ का माहौल एक परिवार जैसा है।
स्थानीय निवासी और कर्मचारी भी ऐसी स्टार्टअप पहलों से प्रेरणा लेकर अपना खुद का उद्यम शुरू करने के लिए उत्सुक हैं।
उनका मानना है कि स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मधुबनी की निवासी कड़ी मेहनत के साथ मिलकर सफलता के नए अध्याय लिखेंगे।
स्टार्टअप इंडिया पहल जल्द ही अपने संचालन का एक दशक पूरा करने वाली है। युवाओं के सपनों को नया आकार देने और इस बदलाव की यात्रा 2016 में शुरू हुई थी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी जा चुकी है। आज, भारत ने खुद को दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में मजबूती से स्थापित कर लिया है।