क्या बिहार चुनाव में 3 करोड़ से अधिक वोटरों ने अपना मत डाला?
सारांश
Key Takeaways
- 3 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया।
- 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ।
- बैलेट यूनिट्स में 1.21% और कंट्रोल यूनिट्स में 1.34% बदलाव हुआ।
- महिलाओं की भागीदारी अच्छी रही।
- सोशल मीडिया पर लाइव टेलीकास्टिंग हुई।
पटना, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इस चरण में 3 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने 45 हजार से ज्यादा वोटिंग सेंटर्स पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार गुंजियाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि इस बार ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के बदलाव की संख्या पिछली बार की तुलना में कम रही है। उन्होंने बताया कि 1.21 प्रतिशत बैलेट यूनिट्स और 1.34 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट्स को बदला गया, जबकि 2020 के चुनाव में ये आंकड़े क्रमशः 1.87 प्रतिशत और 1.77 प्रतिशत थे।
गुंजियाल ने कहा कि वीवीपैट मशीनों में भी बदलाव की आवश्यकता कम पड़ी, जहाँ इस बार 2.92 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों को बदला गया, जबकि 2020 में यह संख्या 4.9 प्रतिशत थी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मतदान प्रक्रिया की सुचारूता को दर्शाता है और तकनीकी समस्याओं में कमी आई है। मतदान में महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थानों पर मतदान अभी भी जारी है और डेटा अपडेट किया जा रहा है। वर्तमान में मतदान का आंकड़ा 64.46 प्रतिशत है। मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट्स, 169 कंट्रोल यूनिट्स, और 480 वीवीपैट बदले गए।
उन्होंने आगे कहा कि शहरी क्षेत्रों में लगभग 8,609 मतदान केंद्र और ग्रामीण क्षेत्रों में 36,733 मतदान केंद्र थे। पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार थे, जिनमें 1,192 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल थीं। पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्रों की संख्या 926 थी।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने चुनाव के दौरान हुई कुछ हिंसक घटनाओं की जानकारी दी, जिसमें डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि, स्थिति को संभालने के लिए डीएम और एसपी तुरंत मौके पर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही, जो कड़ी पेट्रोलिंग और चेकिंग के कारण संभव हो पाई। एक महीने में 850 अवैध हथियार और 4,000 गोलियां बरामद की गईं।