क्या एनडीए ने बिहार में चुनाव जीतने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाया?

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क्या एनडीए ने बिहार में चुनाव जीतने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाया?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर अतुल लोंढे पाटिल की तीखी प्रतिक्रिया। भाजपा की बदलती चुनावी रणनीति और महागठबंधन के प्रयासों पर चर्चा। क्या जनता ने सही चुनाव किया?

Key Takeaways

  • एनडीए ने चुनाव जीतने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाया।
  • महागठबंधन ने सकारात्मक एजेंडे के साथ चुनाव लड़ा।
  • राज्य में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • भाजपा की चुनावी रणनीति में बदलाव आया है।
  • जनता के निर्णय का सम्मान करना लोकतंत्र का हिस्सा है।

रांची, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जीत पर कांग्रेस नेता अतुल लोंढे पाटिल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद, जब भाजपा 400 पार का लक्ष्य लेकर चल रही थी, तब वह 200 सीटों पर सिमट गई, जिससे उनकी चुनावी रणनीति पूरी तरह बदल गई।

पाटिल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि एनडीए ने इस बार बिहार में चुनाव जीतने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाया। अनुनय, सौदेबाजी, दबाव और विभाजन—किसी भी साधन को छोड़ा नहीं गया। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसी भी तरह से यह चुनाव जीतने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों के बीच जनता ने जो भी फैसला किया है, पार्टी उसका सम्मान करती है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका निभाना हम अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन सकारात्मक एजेंडे के साथ चुनाव में उतरा था। हम कह रहे थे कि यह लड़ाई लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है। महागठबंधन ने हर घर को एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। महिलाओं को उनके सम्मान के लिए 30,000 रुपए देने की योजना थी।

एआईसीसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने वादों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने याद दिलाया कि पीएम मोदी ने 2015 में कहा था कि मोतिहारी की बंद चीनी मिल से चीनी बनाकर चाय पीने का दिन जल्द आएगा, लेकिन दस साल बीत जाने के बाद भी उस दिशा में कोई ठोस काम नहीं हुआ है।

पाटिल ने बिहार में बढ़ती अपराध घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में दिनदहाड़े व्यवसायियों की हत्या हो रही है, अस्पतालों में घुसकर लोगों को मारा जा रहा है, और दलित लड़कियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एक दलित लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ, उसे इलाज भी नहीं मिला और उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इतने गंभीर मुद्दों के बावजूद जनता ने एनडीए को चुना, यह सोचने की बात है।

उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी देने, पेपर लीक रोकने और पारदर्शी भर्ती प्रणाली लागू करने जैसे बड़े वादों के बावजूद महागठबंधन को जनता का समर्थन नहीं मिल पाया। पाटिल ने कहा कि यह परिणाम आत्ममंथन और गंभीर समीक्षा का विषय होना चाहिए।

Point of View

हम यह मानते हैं कि चुनावी परिणामों का गहन अध्ययन होना चाहिए। जनता के निर्णय को समझना और विपक्ष की भूमिका को सही तरीके से निभाना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

एनडीए की जीत के पीछे क्या मुख्य कारण हैं?
एनडीए की जीत के पीछे चुनावी रणनीति, विभिन्न हथकंडे और जनता की अपेक्षाएँ शामिल हैं।
महागठबंधन ने क्या वादे किए थे?
महागठबंधन ने हर घर को सरकारी नौकरी और महिलाओं के लिए 30,000 रुपए देने का वादा किया था।
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