क्या बिहार में महत्वपूर्ण विभागों में 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप
- 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला
- भ्रष्टाचार के विभिन्न विभागों में मौजूदगी
- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गंभीर टिप्पणियाँ
- लोकतंत्र की छवि पर असर
पटना, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर विपक्ष ने लगभग 70,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। बुधवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने महत्वपूर्ण विभागों में इस भ्रष्टाचार के आरोप को फिर से उठाया।
पवन खेड़ा ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि बिहार में 70,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। यह राशि विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों से चुराई गई है। पंचायती राज, शिक्षा, कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास और मिड-डे मील स्कीम जैसे कार्यक्रमों से भी चोरी हुई है। इससे ज्यादा गंभीर और दुखदायी क्या हो सकता है।"
संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी के भाषण पर पवन खेड़ा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "आंखें बंद करने पर ऐसा लगता था कि कोई सूरमा भोपाली बोल रहा है और कभी-कभी लगता था कि ललिता पवार खुद आ गईं। क्या प्रधानमंत्री को डायलॉग देने के लिए होना चाहिए?"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का राजधर्म सवालों का उत्तर देना है। आज सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30वीं बार कहा कि उन्होंने सीजफायर करवाया, लेकिन पीएम मोदी के मुँह से नहीं निकलता कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। हम किसे मानें?"
बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर पवन खेड़ा ने कहा, "पूरे विश्व ने देखा कि बिहार में जो एसआईआर हो रही है, उसमें कुत्ते का वोटर आईडी कार्ड बना है। यह हमारे देश में नहीं होना चाहिए था, यह देखकर मुझे हंसी नहीं, बल्कि रोना आ रहा है।"
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            