क्या बिहार में ऐतिहासिक जीत के बाद नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
- जदयू के नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं।
- पटना में जश्न मनाया गया, पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं।
- भाजपा ने 89 सीटें जीती हैं जबकि जदयू ने 85 सीटें जीती हैं।
पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक रूप से सत्ता बनाए रखी है। इस महत्वपूर्ण जीत के बाद अब यह देखना होगा कि बिहार का अगला सीएम नीतीश कुमार होंगे या फिर कोई नया चेहरा एनडीए गठबंधन से सामने आएगा। इस विषय पर चिंतन शुरू होने वाला है। इस बीच, जदयू के कई नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार को ही प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
दूसरी ओर, एनडीए की बंपर जीत के बाद पटना स्थित जदयू कार्यालय में जश्न मनाया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर नाचे। शनिवार को जदयू के जीते हुए उम्मीदवार पार्टी कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं के साथ जश्न मनाया।
कुछ जदयू नेताओं से राष्ट्र प्रेस ने बातचीत की। जदयू नेता लेसी सिंह ने एनडीए की जीत पर प्रदेश की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहें। वे हमारे मार्गदर्शक और गुरु हैं और उन्हें बिहार चलाने का पर्याप्त अनुभव भी है।
श्वेता गुप्ता ने कहा कि पूरा बिहार एनडीए के रंग में रंग गया है। जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया है। इसीलिए बिहार में एनडीए को यह जनादेश मिला है।
अजीत कुमार ने एनडीए की जीत को जनता का आशीर्वाद बताया है। उन्होंने कहा कि कांटी के महान मतदाताओं का आशीर्वाद मुझे मिला है और यह एक शानदार जीत है। जनता ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जताया है।
जदयू नेता हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि यह एक बड़ी जीत है। हमने वापसी की है और पिछली बार की तुलना में दोगुनी सीटें जीती हैं।
अरुण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने प्रगति की है और लोगों ने इसे अपना समर्थन दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा के खाते में 89 सीट और वहीं जदयू के खाते में 85 सीट आई हैं।