क्या बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं, बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का समय है?: प्रशांत किशोर

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क्या बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं, बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का समय है?: प्रशांत किशोर

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का समय है। उन्होंने चुनावी तनाव को लेकर दिलचस्प टिप्पणियाँ की। क्या बिहार के लोग सही मायने में बदलाव के लिए तैयार हैं?

Key Takeaways

  • प्रशांत किशोर का चुनावी तनाव का दिलचस्प दृष्टिकोण।
  • बिहार के बच्चे भविष्य के लिए वोट देने की आवश्यकता।
  • राजनीतिक शोषण का अंत और नई शुरुआत।
  • दोनों प्रमुख गठबंधनों की वोटिंग स्थिति पर ध्यान।
  • चिराग पासवान की सराहना और विरोध।

पटना, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वे पूरी तरह से तनावमुक्त हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि तनाव आमतौर पर उस छात्र को होता है जो परीक्षा से पहले तीन से साढ़े तीन साल तक पढ़ाई करता है। जिसने पढ़ाई नहीं की उसे कोई तनाव नहीं होता, क्योंकि उसे पहले से पता होता है कि वह फेल हो जाएगा।

किशोर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही बिहार के लोगों का राजनीतिक शोषण और बेगारी का दौर आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है।

उन्होंने कहा, “यह बिहार के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की शुरुआत है, क्योंकि इस बार लोग जाति, धर्म या किसी नेता के लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देंगे।”

उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधनों को मिलाकर लगभग 72 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 28 प्रतिशत लोगों ने दोनों को नकार दिया था।

उन्होंने कहा, “अगर दोनों गठबंधनों का 10-10 प्रतिशत वोट भी कम हुआ तो तीसरे विकल्प का रास्ता खुल जाएगा। कुछ लोग हमें वोट कटवा पार्टी कहते हैं, लेकिन हम इतना वोट काटेंगे कि दोनों गठबंधनों की हालत खराब हो जाएगी।”

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा, “सरकार ने करोड़ों रुपए जनता में बांट दिए, फिर भी हर जगह नीतीश का नाम सुनाई नहीं दे रहा। इसका मतलब है कि जनता बदलाव के मूड में है।”

विपक्ष के तंजों पर प्रतिक्रिया देते हुए किशोर ने कहा, “पहले कहा गया कि हम पैदल चलकर कुछ नहीं कर पाएंगे, फिर कहा कि हमारे साथ कोई नहीं आएगा। अब जब लोग जन सुराज से जुड़ने लगे हैं, तो कहा जा रहा है कि पार्टी नहीं बन पाएगी।”

चिराग पासवान की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “चिराग जाति और धर्म की राजनीति नहीं करते, इसीलिए मैं उनकी सराहना करता हूं। लेकिन वे बिहार की असल राजनीति नहीं करते, इसलिए हम उनका विरोध करते हैं।”

Point of View

वह जनता के वोटिंग पैटर्न में बदलाव को इंगित करती हैं। क्या वास्तव में लोग अपने बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता देंगे? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो सभी राजनीतिक दलों के लिए विचारणीय है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर का चुनाव पर क्या कहना है?
प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद वे तनावमुक्त हैं और यह बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का समय है।
क्या बिहार के लोग बदलाव के मूड में हैं?
किशोर के अनुसार, जनता बदलाव के मूड में है, क्योंकि नीतीश कुमार का नाम सुनाई नहीं दे रहा।