क्या बिहार में 'आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' ने नवाचार की नई राह खोली है?

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क्या बिहार में 'आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' ने नवाचार की नई राह खोली है?

सारांश

बिहार में 'आइडिया फेस्टिवल' पोर्टल के माध्यम से 10,000 नए विचारों को एकत्र करने का प्रयास किया जा रहा है। यह पोर्टल छात्रों, युवाओं और उद्यमियों के लिए एक नई संभावना प्रस्तुत करता है। जानें इस पहल के पीछे की सोच और इसके संभावित लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • 10,000 नए विचारों का लक्ष्य
  • पंजीकरण मोबाइल फ्रेंडली
  • विजेताओं को 10 लाख रुपये तक की फंडिंग
  • उद्यमिता के लिए महिलाओं को प्रेरित करना
  • ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना

पटना, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में सोमवार को ‘आइडिया फेस्टिवल पोर्टल का उद्घाटन किया गया है। इस प्लेटफार्म पर राज्य के छात्र, युवा, उद्यमी और स्टार्ट-अप टीमों के नवाचारी विचारों को स्थान मिलेगा।

बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल’ के नए पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य इस पोर्टल पर कम से कम 10,000 आइडिया एकत्र करना है। विशेषज्ञ टीम इन प्रस्तावों की जांच करेगी और चुने गए विचारों को बाजार और निवेशकों से जोड़ेगी।

उन्होंने कहा, "पोर्टल मोबाइल फ्रेंडली भी है, इसलिए गांव-कस्बों के युवा भी आसानी से पंजीकरण कर सकेंगे।" मंत्री के अनुसार, इस महोत्सव की शुरुआत 24 जुलाई से जिला स्तरीय कार्यशाला के साथ होगी और अगस्त के अंतिम सप्ताह में पटना में दो-दिवसीय मेगा इवेंट के साथ समापन होगा।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि हर बिहारी में एक आइडिया छिपा है, बस इसे पहचानने और दिशा देने की आवश्यकता है। इसी दिशा में यह पोर्टल मील का पत्थर साबित होगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत में लगभग 1.5 लाख स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं और बिहार तीसरे पायदान पर है। पिछले एक वर्ष में बिहार के एक हजार नए स्टार्ट-अप्स का चयन किया गया है।

10 अगस्त तक आइडिया आमंत्रित किए जाएंगे और अगस्त के अंत में विजेताओं की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि चयनित स्टार्टअप को “स्टार्ट-अप बिहार नीति” के तहत 10 लाख रुपये तक की फंडिंग दी जाएगी। ट्रॉफी, सलाहकार सेवाएं और राज्य-स्तरीय पहचान प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि “स्टार्ट-अप दीदी” बनकर जीविका की तरह हजारों महिलाएं भी उद्यमिता के पथ पर आगे बढ़ेंगी। इस मौके पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल शहरी केंद्रित स्टार्ट-अप संस्कृति को तोड़ते हुए ग्रामीण समुदायों, कारीगरों, किसानों और वंचित वर्गों तक पहुंचेगी। इस कार्यक्रम में निदेशक (उद्योग) मुकुल गुप्ता, निदेशक (हथकरघा एवं रेशम) निखिल धनराज निप्पणिकर, राज्य-भर के इनक्यूबेशन केंद्रों के प्रतिनिधि और स्टार्ट-अप बनाने वाले उपस्थित रहे।

Point of View

NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

आइडिया फेस्टिवल पोर्टल का उद्देश्य क्या है?
इस पोर्टल का उद्देश्य बिहार के युवाओं और उद्यमियों के नवाचारी विचारों को एकत्र करना है।
इस पोर्टल पर पंजीकरण कैसे करें?
यह पोर्टल मोबाइल फ्रेंडली है, जिससे गांव-कस्बों के युवा आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
विजेताओं की घोषणा कब होगी?
विजेताओं की घोषणा अगस्त के अंत में की जाएगी।
चयनित स्टार्ट-अप को क्या लाभ मिलेगा?
चयनित स्टार्ट-अप को 10 लाख रुपये तक की फंडिंग और अन्य लाभ दिए जाएंगे।
क्या यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी?
हां, यह पहल ग्रामीण समुदायों, कारीगरों, किसानों और वंचित वर्गों तक पहुंचेगी।