क्या बिहार में 'किन्नर कल्याण बोर्ड' का गठन ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नया युग है?

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क्या बिहार में 'किन्नर कल्याण बोर्ड' का गठन ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नया युग है?

सारांश

बिहार सरकार ने 'बिहार राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड' का गठन किया है, जिससे ट्रांसजेंडर समुदाय में खुशी की लहर है। इस बोर्ड का उद्देश्य उनके अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सामाजिक पहचान दिलाना है। जानें, इस निर्णय का महत्व क्या है।

Key Takeaways

  • बिहार राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।
  • इस बोर्ड का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना है।
  • बोर्ड में कुल सात सदस्यों की नियुक्ति की गई है।
  • यह कदम सामाजिक विकास और सशक्तीकरण को बढ़ावा देगा।
  • बोर्ड की स्थापना से ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज सरकारी दफ्तरों तक पहुंचेगी।

पटना, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘बिहार राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड’ का गठन किया है। इस निर्णय से किन्नर समाज में उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई है।

इस बोर्ड में कई सदस्यों का नामांकन किया गया है, जिनमें ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। बोर्ड के सदस्य डॉ. राजन सिंह ने इसे समुदाय के लिए “आजादी का दिन” बताया। उन्होंने कहा, “आज ट्रांसजेंडर समुदाय को नई पहचान मिली है, जिसे सरकार ने आधिकारिक रूप से मान्यता दी है। आज हमारे लिए दिवाली और ईद जैसे खुशी के दिन हैं।”

डॉ. राजन सिंह ने आगे बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा किन्नर कल्याण बोर्ड की स्थापना एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को पहचान, सम्मान और अधिकार मिलेंगे, साथ ही उनकी आवाज सरकारी दफ्तरों तक पहुंचेगी।

उन्होंने राज्य की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि जनता के दबाव के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया, जो चुनाव से पहले का महत्वपूर्ण निर्णय है।

इसी दिन पुनौराधाम में माता जानकी की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन भी हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित रहे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. राजन सिंह ने कहा कि जैसे त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने किन्नर समाज को अपनाया था, वैसे ही आज के कलयुग में माता सीता के मंदिर के शिलान्यास के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय को सामाजिक मान्यता देने वाला यह कदम उठाया गया है।

बताया गया कि ‘बिहार राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड’ का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना, उनके सामाजिक विकास और सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। इस बोर्ड में कुल सात सदस्य ट्रांसजेंडर समुदाय से होंगे।

Point of View

बल्कि उन्हें सामाजिक और राजनीतिक पहचान भी देगा। यह कदम समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन क्यों किया गया?
किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
इस बोर्ड में कौन-कौन से सदस्य शामिल हैं?
इस बोर्ड में कई सदस्य शामिल हैं, जिनमें ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधि भी हैं।
बोर्ड की स्थापना से ट्रांसजेंडर समुदाय को क्या लाभ होगा?
इस बोर्ड की स्थापना से ट्रांसजेंडर समुदाय को पहचान, सम्मान और अधिकार मिलेंगे।