क्या बिहार सरकार में मंत्री जीवेश कुमार को हटाने की मांग तेज हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- दिलीप सहनी के साथ मारपीट ने राजनीतिक उथल-पुथल पैदा की है।
- विपक्ष ने मंत्री जीवेश कुमार की बर्खास्तगी की मांग की है।
- सामाजिक न्याय और अधिकारों पर चर्चा आवश्यक है।
दरभंगा, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के दरभंगा में यूट्यूबर दिलीप सहनी के साथ हुई मारपीट की घटना ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। इस मामले के बाद, विपक्षी नेताओं ने मंत्री जीवेश कुमार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को कर्पूरी चौक पर एक दिवसीय महाधरना आयोजित किया। राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए मंत्री जीवेश की गिरफ्तारी और उन्हें पद से हटाने की मांग की।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सिंहवाड़ा थाना पहुंचे थे और दिलीप सहनी के समर्थन में खड़े होकर मंत्री जीवेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मंगलवार को आयोजित महाधरना में पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी, पूर्व विधायक भोला यादव, पूर्व मंत्री ललित यादव, पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने मंत्री जीवेश कुमार की बर्खास्तगी की मांग की और कहा कि सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भोला यादव ने कहा कि मंत्री जीवेश कुमार का यह व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूट्यूबर दिलीप सहनी को केवल इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने जर्जर सड़क को लेकर सवाल उठाया। भोला यादव ने कहा कि दिलीप सहनी अतिपिछड़ा मल्लाह जाति से आते हैं, लेकिन मंत्री ने सामंतवादी सोच के तहत उन्हें भरी भीड़ में अपमानित किया और गाड़ी में खींचने का प्रयास भी किया। यह घटना उसी प्रवृत्ति का परिचय है जो 90 के दशक में दलित और पिछड़े समाज के साथ होती थी।
उन्होंने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ अपशब्द कहे गए थे, तब भाजपा ने पूरे देश में प्रदर्शन किया था, लेकिन अब जब एक अतिपिछड़ा समाज के बेटे और उसकी मां के साथ अभद्रता हुई, तो उसी समाज के मंत्री मदन सहनी ने नैतिक आधार पर इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि मंत्री जीवेश कुमार को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार का व्यवहार किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए शोभा नहीं देता और इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है।