क्या बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ सड़क पर उतरे बंद समर्थक?

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क्या बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ सड़क पर उतरे बंद समर्थक?

सारांश

बिहार में महागठबंधन के समर्थन में बंद समर्थक सड़कों पर उतरे हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग के पुनरीक्षण के पीछे केंद्र सरकार की साजिश है। क्या यह सच में मतदाताओं का अधिकार छीनने की कोशिश है?

Key Takeaways

  • बंद समर्थकों का कहना है कि यह एक साजिश है।
  • मतदाता पुनरीक्षण पर राजद और सीपीआई की प्रतिक्रिया।
  • बिहार में महागठबंधन का समर्थन बढ़ रहा है।
  • स्थानीय नेताओं का प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी।
  • केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी।

बेगूसराय/पूर्णिया, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ महागठबंधन के बिहार बंद के समर्थन में बंद समर्थक आज सड़कों पर उतरे। उन्होंने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

बेगूसराय में महागठबंधन के नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए गहन पुनरीक्षण कर रहा है। उनका कहना है कि यह पुनरीक्षण मतदाताओं के नाम को वोटर लिस्ट से हटाने के लिए किया जा रहा है।

बेगूसराय में साहेबपुर कमल और बलिया चकिया में एनएच 31 को जाम किया गया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सीपीआई नेता शंभू देव ने कहा कि इस पुनरीक्षण के जरिए बिहार के मतदाताओं को वोट देने से रोकने की साजिश की जा रही है। निर्वाचन आयोग को किसी की नागरिकता समाप्त करने का अधिकार नहीं है। इसी के विरोध में हम सड़कों पर उतरे हैं।

राजद के नेता महावीर यादव का कहना है कि हमें वोट देने का अधिकार मिला था, लेकिन सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग इसे छीनने की कोशिश कर रहा है। बेगूसराय में चक्का जाम पूरी तरह सफल रहा है।

पूर्णिया में भी बंद समर्थक मुख्य चौराहे पर धरना देकर दुकानों को बंद करवा रहे हैं। राजद नेता मिथिलेश दास ने कहा कि महागठबंधन के वोटरों को रोकने की यह साजिश है, लेकिन कोई भी प्रयास इस बार महागठबंधन की सरकार बनने से नहीं रोक सकता।

जमुई में भी कई स्थानों पर राजद और भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने प्रमुख मार्गों को जाम कर दिया। जमुई शहर के कचहरी चौक पर राजद नेता विजय प्रकाश और अन्य कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह मतदाता वेरिफिकेशन भाजपा सरकार की साजिश है। मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

जमुई राजद नेता विजय प्रकाश यादव ने कहा कि यह सभी महागठबंधन के साथी सड़क पर उतरे हैं। यह हमारे हक और अधिकार की बात है। यदि आज फर्जी मतदाता हैं तो 2024 का लोकसभा चुनाव भी फर्जी है। गरीबों को वोट देने से वंचित किया जा रहा है।

जमुई के राजद नेता अजय प्रताप सिंह ने कहा कि यह तुगलकी फरमान गलत है। इनकी मंशा है कि महागठबंधन के कोर वोटर मतदान नहीं कर सकें। यदि लोकसभा चुनाव में यह मान्य था तो अब यह कैसे गलत हो गया? उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण का कार्य रोका जाना चाहिए। यदि यह कराना था तो इसे लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद करना चाहिए था।

Point of View

लेकिन यदि यह प्रक्रिया राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा रही है, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। जनता का अधिकार और उनके वोट की रक्षा करना आवश्यक है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या बिहार में मतदाता पुनरीक्षण सही है?
मतदाता पुनरीक्षण एक संवैधानिक प्रक्रिया है, लेकिन यदि यह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, तो यह गलत है।
बंद समर्थकों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उनका उद्देश्य चुनाव आयोग के माध्यम से मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करना है।
क्या प्रदर्शनकारियों की आवाज सुनी जा रही है?
प्रदर्शनकारी अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं, लेकिन यह देखना होगा कि क्या उनकी मांगें पूरी होती हैं।