क्या बिहार चुनाव के मद्देनजर एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए के भीतर सीट बंटवारे की चर्चाएँ जारी हैं।
- अरुण भारती ने 'नव संकल्प महासभा' का संबंध सीट बंटवारे से खारिज किया।
- भाजपा ने राहुल और तेजस्वी की यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- डेमोग्राफी मिशन बिहार में सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास है।
- राजनीति में जनता की समस्याओं को समझना महत्वपूर्ण है।
पटना, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अंतर्गत सीट बंटवारे को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी की चल रही 'नव संकल्प महासभा' का सीट बंटवारे की चर्चाओं से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में एक जनसंपर्क पहल है, जिसका उद्देश्य समाज और लोगों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना है।
अरुण भारती ने कहा, "हमारी 'नव संकल्प महासभा' का लक्ष्य जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना और उनके साथ जुड़ाव बनाए रखना है। इसे सीट बंटवारे की चर्चाओं से जोड़ना गलत है।"
उन्होंने आगे कहा कि सीट बंटवारे को लेकर एनडीए के सभी घटक दलों के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन यह एक आंतरिक मामला है। जब तक पांचों दलों के बीच आम सहमति नहीं बन जाती, तब तक इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ कहना गठबंधन के अनुशासन का उल्लंघन होगा।
उन्होंने अतीत का उल्लेख करते हुए कहा, "पहले हमने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन यह इतिहास है। अब परिस्थितियां भिन्न हैं, और हम गठबंधन के तहत सामूहिक निर्णय लेंगे। हमारी पार्टी चिराग पासवान के नेतृत्व में एनडीए के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और गठबंधन के हितों को सर्वोपरि रखेगी।"
अरुण भारती ने तंज करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव कहते हैं कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए, लेकिन राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहिए।"
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की बिहार में चल रही 'वोटर अधिकार यात्रा' पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखा हमला बोला है। भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा ने इस यात्रा को जनता को भ्रमित करने और एसआईआर के खिलाफ षड्यंत्र करार दिया है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि जब संसद का मानसून सत्र चल रहा था, तब राहुल गांधी बिहार में यात्रा कर रहे थे। यह यात्रा इलेक्शन कमीशन द्वारा वोटर लिस्ट से नाम हटाने की समयसीमा (31 अगस्त) तक जनता का ध्यान भटकाने और विषय को परिवर्तित करने की कोशिश है। राहुल और तेजस्वी की यह यात्रा बिहार की जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा, “इनका मकसद सिर्फ लोगों को गुमराह करना और बिहार में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना है। हम ऐसी साजिशों को सफल नहीं होने देंगे। भाजपा बिहार की संस्कृति और सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।"
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेमोग्राफी मिशन शुरू करने का बड़ा ऐलान किया है, ऋतुराज सिन्हा ने इस मिशन का स्वागत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में डेमोग्राफिक बदलाव ने बिहार की जनता को चिंतित कर दिया है। सीमांचल क्षेत्र में भी ऐसी ही साजिश रची जा रही है, जिसे भाजपा विफल करेगी। बिहार की संस्कृति और सामाजिक संरचना को किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। हम बिहार को कभी बंगाल नहीं बनने देंगे।