क्या बिहार में नीतीश कुमार के कार्यक्रम में विवाद हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का विवादास्पद व्यवहार
- सांसद आगा रुहुल्ला मेहदी की निंदा
- आरजेडी का आरोप
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
- आवश्यकता के अनुसार चिकित्सकीय परामर्श की सलाह
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पटना में एक कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र बांटते समय एक महिला डॉक्टर से संबंधित हिजाब हटाने के विवाद में उलझ गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रुहुल्ला मेहदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का सार्वजनिक रूप से एक मुस्लिम महिला के बुर्के को खींचना न केवल अस्वीकृत है, बल्कि इसका कोई औचित्य भी नहीं है।
आगा रुहुल्ला मेहदी ने कहा कि यह घटना बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है। किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार के आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्हें संबंधित महिला और देश की जनता से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री का यह व्यवहार अनियमित और चिंताजनक है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद वे अब उस संयम और मानसिक स्पष्टता में नहीं हैं, जो एक संवैधानिक पद पर बने रहने के लिए आवश्यक होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए और जनहित में पद से अलग होने पर विचार करना चाहिए।
इससे पहले, आरजेडी ने भी इस मामले पर मुख्यमंत्री के बर्ताव पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आरजेडी ने लिखा, "नीतीश जी को क्या हो गया है? उनकी मानसिक स्थिति अब दयनीय हो चुकी है या वे अब 100 फीसदी संघी हो गए हैं?"
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ मंच पर दिखाई दे रहे हैं।
गौरतलब है कि यह विवाद एक कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद हॉल में 1,283 आयुष डॉक्टरों (आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी) को नियुक्ति पत्र बांटे। इस कार्यक्रम के बाद, सीएम नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि आज, मैंने संवाद हॉल में 1,283 आयुष डॉक्टरों के लिए नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में भाग लिया। यह कदम हेल्थकेयर क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करेगा और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को और मजबूत करेगा। सभी नए नियुक्त आयुष डॉक्टरों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
फिलहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या बिहार सरकार की ओर से विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।