क्या बिहार में निवेश और रोजगार बढ़ा, महिलाओं को मिले सशक्तिकरण के अवसर? - राजीव रंजन
सारांश
Key Takeaways
- निवेश में वृद्धि से नए उद्योगों की स्थापना।
- 42,000 करोड़ रुपए का निवेश बिहार में आया।
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आर्थिक सहायता।
- कानून का राज सभी के लिए समान।
- सकारात्मक बदलाव की दिशा में सरकार की योजनाएं।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार में नई औद्योगिक नीति और निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के चलते उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहे हैं।
उन्होंने आईएनएस से बताया कि अब तक लगभग 42,000 करोड़ रुपए का निवेश राज्य में आ चुका है, जिससे न केवल नई इकाइयां स्थापित हुई हैं, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।
राजीव रंजन के अनुसार, सरकार ने नौकरी से संबंधित सभी निर्देश पहले ही जारी किए हैं और इन पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसी उद्देश्य से महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए दो लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने विपक्ष के उस आरोप को भी खारिज किया जिसमें दावा किया गया था कि लाभ देने की प्रक्रिया में पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। कोई घूस नहीं, सिर्फ सशक्तिकरण हो रहा है। सरकार की हर योजना महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए है।
मोकामा हत्याकांड पर भी जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में अब कानून का राज बिना किसी भेदभाव के लागू हो रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे वह सत्तारूढ़ दल का हो या किसी सहयोगी पार्टी से जुड़ा हो, कार्रवाई कानून के अनुसार ही होगी।
राजीव रंजन ने कहा, "आज स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि कानून सभी के लिए समान है। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। राज्य सरकार ने कई मामलों में कार्रवाई कर यह साबित भी किया है कि कानून के मामले में किसी तरह की ढील नहीं दी जाती।"
उन्होंने 1990 से 2005 के दौर का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय बिहार की पहचान अराजकता और राजनीतिक हस्तक्षेप वाली पुलिसिंग के लिए होती थी। उन्होंने कहा कि उन वर्षों में पुलिस को मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश लेने पड़ते थे, जिससे कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई थी।