बिहार नाव हादसा: क्या लापता लोगों की तलाश सफल होगी? सीएम नीतीश कुमार का दुख

सारांश
Key Takeaways
- बिहार के औरंगाबाद में नाव दुर्घटना में एक की मौत और पांच लापता।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया।
- पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।
- स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी घटनाएं आम हैं।
- जिला प्रशासन राहत और अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया में है।
पटना, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के औरंगाबाद जिले में हुई एक भयानक नाव दुर्घटना में एक व्यक्ति की जान गई और पांच अन्य लापता हैं। इस घटना के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोकग्रस्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ितों के परिवारों को शीघ्र राहत और मुआवजा प्रदान किया जाए, और लापता व्यक्तियों के लिए बचाव कार्य को तेज किया जाए।
यह दुखद घटना गुरुवार सुबह नवीनगर प्रखंड के बड़ेम गांव के समीप सोन नदी में घटित हुई।
सीएम नीतीश कुमार ने एक पोस्ट में लिखा, "मैं औरंगाबाद जिले के बड़ेम घाट पर हुए इस नाव हादसे से अत्यंत दुखी हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करे।"
जानकारी के अनुसार, गांव के लोग अपने खेतों की ओर जा रहे थे, तभी उनकी नाव पलट गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नाव में लोडिंग अधिक थी और नदी की तेज धारा के कारण यह संतुलन खो बैठी। कुछ यात्रियों ने तैरकर जान बचाई, लेकिन कम से कम छह लोग डूब गए, जिनमें से पांच अब भी लापता हैं।
मृतक में 21 वर्षीय तमन्ना परवीन भी शामिल है, जो बड़ेम गांव के निवासी सलीम अंसारी की बेटी थी। स्थानीय गोताखोर और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं और बचाव कार्य जारी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि ग्रामीण अक्सर दियारा क्षेत्र में खेती करने या अपने पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करने के लिए सोन नदी पार करते हैं। ऐसी दुर्घटनाएं आम हैं, लेकिन इस बार का नुकसान बहुत ही बड़ा है।
जिला प्रशासन ने लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव कार्य जारी रखने की पुष्टि की है। अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं।