क्या बिहार के नालंदा के रंजीत की जिंदगी बदली? प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने दी नई पहचान!

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने रंजीत की जिंदगी बदल दी।
- इस योजना ने उन्हें आर्थिक संबल प्रदान किया।
- रंजीत ने अपने क्षेत्र में जिंदा मछली की मंडी स्थापित की।
- यह कहानी एक सरकारी योजना के प्रभावशाली परिणाम का उदाहरण है।
- रंजीत ने अन्य छोटे मछुआरों को भी लाभ पहुंचाया।
नालंदा, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जो बिहार के नालंदा के निवासी रंजीत कुमार साहनी के लिए एक वरदान साबित हुई है। इस योजना ने उन्हें आर्थिक संबल प्रदान किया है, जिससे वह सशक्त और आत्मनिर्भर बन गए हैं।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में बताया कि इस योजना ने उनके जीवन में किस प्रकार का परिवर्तन लाया है।
'पहले हम लोग केवल छोटे-मोटे काम करते थे, लेकिन अब ऐसा लगता है कि प्रखंड स्तर पर एक मंडी के मालिक बन गए हैं।' यह कहना है रहुई प्रखंड के मंदिलपुर मोड़ के निवासी रंजीत कुमार साहनी का, जिनकी जिंदगी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने पूरी तरह बदल दी है। इस योजना के तहत स्थापित 'जिंदा मत्स्य बिक्री केंद्र' ने न केवल उनके व्यापार को नई ऊंचाई दी है, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दिलाई है।
रंजीत का बिक्री केंद्र अब इस क्षेत्र में ताजा और जिंदा मछली का पर्याय बन गया है। वे बताते हैं कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब ग्राहकों को हमेशा जिंदा मछली मिलने की गारंटी रहती है। यह एक प्रकार से प्रखंड स्तर पर मछली की मंडी है।
जब उनसे पूछा गया कि अगर यह योजना नहीं मिलती तो क्या होता? इस पर रंजीत का कहना है कि दिक्कत तो होती, लेकिन इस योजना के मिलने से मुझे एक अलग पहचान मिली है। लोग कहते हैं कि रंजीत ने प्रखंड में इतनी बड़ी योजना लाई है, यह सुनकर बहुत गर्व की अनुभूति होती है।
रंजीत अपनी इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसी योजना चलाई, जिसका लाभ हम जैसे छोटे लोगों तक पहुंचा है।' उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत उन्होंने अपने जैसे कई अन्य छोटे मछुआरों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया है।
रंजीत साहनी की यह कहानी केवल एक व्यक्ति की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि कैसे एक सरकारी योजना सही लाभार्थी तक पहुंचकर उसकी पूरी दुनिया बदल सकती है और उसे आत्मनिर्भर बनाकर समाज में एक सम्मानित स्थान दिला सकती है।