क्या अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों के लिए दो हफ्ते का योग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- अरुणाचल प्रदेश में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है।
- कार्यक्रम का उद्देश्य सैनिकों की मानसिक और शारीरिक क्षमता को बढ़ाना है।
- प्रशिक्षण में ध्यान और शारीरिक मुद्राएं शामिल हैं।
- यह कार्यक्रम कठिन परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
- प्रशिक्षण प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किया जाएगा।
ईटानगर, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के आलोंग क्षेत्र में तैनात बहादुर सैनिकों के लिए सेना की स्पीयर कॉर्प्स ने एक विशेष दो हफ्तों का योग प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया है। यह कार्यक्रम 15 सितंबर से शुरू होकर 27 सितंबर तक चलेगा। इसकी जानकारी रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेन्द्र रावत ने बुधवार को साझा की।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सैनिकों के संपूर्ण स्वास्थ्य और मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना है ताकि वे कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। योग के माध्यम से सैनिकों की धैर्य, एकाग्रता और सहनशीलता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने बताया कि यह प्रशिक्षण खासतौर पर अरुणाचल प्रदेश के कठिन इलाकों और मौसम की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। प्रशिक्षण सत्र प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, जो सैनिकों की शारीरिक और मानसिक आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किए गए हैं।
इस प्रशिक्षण का ध्यान केवल शारीरिक फिटनेस पर नहीं, बल्कि मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक संतुलन पर भी है। सेना के बयान में कहा गया है कि योग भारतीय परंपरा की एक ऐसी विद्या है, जो अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है।
योग अभ्यास शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। इससे सैनिक ऑपरेशनल तनाव के दौरान भी स्थिर रह सकते हैं, थकान से जल्दी उबर सकते हैं और कठिन सैन्य कार्यों के लिए आंतरिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशिक्षण में शारीरिक मुद्राओं पर आधारित व्यायाम, ध्यान की तकनीकें और सांसों के नियंत्रण के अभ्यास शामिल हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि दो हफ्तों का यह कार्यक्रम सैनिकों पर लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव डालेगा और उनकी मानसिक व शारीरिक क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।