क्या बिहार पुलिस ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए ‘अभया ब्रिगेड’ का गठन किया?
सारांश
Key Takeaways
- छात्राओं की सुरक्षा के लिए विशेष टीम का गठन।
- हर थाने में होगी अभया ब्रिगेड।
- गश्त के साथ-साथ समस्याओं का समाधान।
- नाबालिगों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया।
- महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता।
पटना, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार पुलिस ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों, विशेषकर छेड़छाड़ को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। अब हर जिले के हर थाने में एक विशेष टीम ‘अभया ब्रिगेड’ का गठन किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूल-कॉलेज और कोचिंग जाने वाली छात्राओं को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना होगा। बिहार पुलिस ने इस पहल की घोषणा शुक्रवार को की।
इस ब्रिगेड की अगुवाई एक महिला सब-इंस्पेक्टर करेंगी। उनके साथ तीन अन्य पुलिसकर्मी होंगे, जिसमें एक महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल शामिल होंगे। तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए, हर ब्रिगेड को स्कूटी या गाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को अलग से स्कूटी खरीदने का प्रस्ताव भेजा है।
अभया ब्रिगेड की भूमिका केवल गश्त करना नहीं होगी। यह टीम अपने थाना क्षेत्र में उन क्षेत्रों की पहचान करेगी, जहां लड़कियां अकेले जाती हैं और जहां छेड़छाड़ की शिकायतें सबसे अधिक आती हैं। स्कूल-कॉलेज के बाहर, हॉस्टल के आसपास, सुनसान रास्तों और बस स्टॉप जैसे हॉटस्पॉट पर यह टीम वर्दी में और सादे कपड़ों में भी निगरानी रखेगी। छेड़छाड़ करने वालों को पकड़कर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बार-बार पकड़े जाने वाले मनचलों का नाम गुंडा रजिस्टर में ‘ईव टीज़र’ के तहत दर्ज किया जाएगा।
यदि कोई नाबालिग लड़का छेड़छाड़ करते पकड़ा जाता है, तो पहले उसकी काउंसलिंग कराई जाएगी। बार-बार पकड़े जाने पर उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेजा जाएगा। टीम स्कूल-कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षकों, हॉस्टल वॉर्डन और कोचिंग संचालकों के साथ निरंतर संपर्क में रहेगी। लड़कियों से जाकर बात करेगी, उनकी समस्याएं सुनेगी और उन्हें डायल-112 का नंबर देकर सुरक्षित महसूस कराएगी। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल भी तुरंत बुलाया जा सकेगा।
बिहार पुलिस का कहना है कि महिलाओं-लड़कियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अभया ब्रिगेड इसी दिशा में एक ठोस कदम है। इस पहल के माध्यम से उम्मीद है कि स्कूल-कॉलेज जाने वाली हजारों लड़कियां बेखौफ होकर पढ़ाई-लिखाई और अपने सपनों को पूरा करने के लिए बाहर निकल सकेंगी। बहुत जल्दी ही प्रदेश के सभी थानों में यह ब्रिगेड सक्रिय हो जाएगी।