क्या बिहार में राजद की समीक्षा बैठक में तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना गया? हार पर हुई चर्चा
सारांश
Key Takeaways
- राजद की समीक्षा बैठक में हार की गहन चर्चा हुई।
- तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना गया।
- बैठक में संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
- महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा।
- राजद ने कोर्ट जाने की योजना बनाई है।
पटना, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन में शामिल प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चुनाव में मिली हार की गहराई से चर्चा की गई और यह माना गया कि पार्टी लोगों तक अपनी बातों को प्रभावी ढंग से पहुंचाने में असफल रही। बैठक के बाद राजद के नेता संजीव कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि इस मीटिंग में तेजस्वी यादव को विधानमंडल दल का नेता चुना गया और सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया।
संजीव कुमार ने कहा कि यह परिणाम अनुमानित नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी गड़बड़ी के ऐसा परिणाम नहीं आ सकता है और कोर्ट जाने की योजना भी बनाई जा रही है। बैठक में संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने इसे एक चौंकाने वाला परिणाम बताया।
इसी बीच, राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने चुनाव परिणाम में गड़बड़ी की बात की। बैठक में इस पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र व्यापार नहीं हो सकता। किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि पार्टी की ऐसी हालत होगी। तेजस्वी यादव को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया। इस बैठक में राजद के नेता तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहे।
इस बैठक में विजयी और हारे उम्मीदवार दोनों शामिल थे। राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित कई वरिष्ठ नेता भी बैठक में मौजूद रहे।
यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। राजद को 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि सहयोगी दल कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन को दो सीटें मिलीं। इंडियन इन्क्लुसिव पार्टी और माकपा को एक-एक सीट मिली है। विकासशील इंसान पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया।