क्या बिहार में बिक्री कर विभाग का चपरासी 75,000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया?

Click to start listening
क्या बिहार में बिक्री कर विभाग का चपरासी 75,000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया?

सारांश

बिहार में सतर्कता विभाग की कार्रवाई ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया है, जब बिक्री कर विभाग का चपरासी 75,000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। इस घटना ने सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मचा दिया है। जानिए पूरी खबर जो सरकारी भ्रष्टाचार की दास्तान को बयाँ करती है।

Key Takeaways

  • सतर्कता विभाग की कार्रवाई से सरकारी भ्रष्टाचार की घटनाएँ उजागर हो रही हैं।
  • गिरफ्तार चपरासी ने 75,000 रुपए की रिश्वत ली थी।
  • कार्यवाही एक स्थानीय व्यापारी की शिकायत पर हुई।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता विभाग के प्रयास जारी हैं।
  • अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच चल रही है।

पटना, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में सतर्कता विभाग का अभियान लगातार जारी है। इस विभाग की निरंतर कार्रवाई के बावजूद भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

एक हालिया मामले में, सहरसा स्थित बिक्री कर विभाग के एक चपरासी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। इस कार्रवाई ने सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मचा दिया है।

गिरफ्तार चपरासी की पहचान शंकर कुमार के रूप में हुई है, जिसे 75,000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

सतर्कता दल ने सदर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एसपी कार्यालय के निकट राज्य कर आयुक्त कार्यालय के पास यह कार्रवाई की।

अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई एक स्थानीय व्यापारी की शिकायत के आधार पर की गई।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विभाग ने उसका बैंक खाता फ्रीज कर दिया था और इस समस्या को सुलझाने के लिए 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।

बातचीत के बाद, रिश्वत की राशि 75,000 रुपए पर तय की गई।

सतर्कता विभाग के पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि राज्य कर अधिकारी की ओर से रिश्वत की मांग की जा रही थी और चपरासी शंकर कुमार के माध्यम से यह राशि ली जा रही थी।

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, सतर्कता दल ने जाल बिछाकर चपरासी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

जब्त की गई नकदी बरामद कर ली गई है और कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

मामले में संलिप्त अन्य अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

यह घटना एक बार फिर सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार और बिहार में इस तरह की प्रथाओं को रोकने के लिए सतर्कता विभाग के निरंतर प्रयासों को उजागर करती है।

इससे पहले, 23 दिसंबर को सिवान जिले में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर को भी 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

गिरफ्तार अधिकारी की पहचान कन्हैया कुमार सिंह के रूप में हुई, जो सिवान पुलिस स्टेशन में तैनात थे।

-राष्ट्र प्रेस

एमएस/एबीएम

Point of View

NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या चपरासी को गिरफ्तार किया गया?
हाँ, सहरसा स्थित बिक्री कर विभाग के चपरासी शंकर कुमार को 75,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
इस कार्रवाई का कारण क्या था?
यह कार्रवाई एक स्थानीय व्यापारी की शिकायत के आधार पर की गई, जिसने आरोप लगाया था कि उसका बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया था।
क्या अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच हो रही है?
हाँ, मामले में संलिप्त अन्य अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
सतर्कता विभाग ने कितनी राशि जब्त की?
सतर्कता विभाग ने 75,000 रुपए की रिश्वत जब्त की है।
क्या इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं?
हाँ, इससे पहले भी 23 दिसंबर को एक सब-इंस्पेक्टर को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
Nation Press