क्या बिहार विधानसभा चुनाव में लोगों ने अपने मुद्दे बताए? उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो समझे
सारांश
Key Takeaways
- रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है।
- मतदाता एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी जरूरतों को समझे।
- मतदान में उत्साह का माहौल है।
- 121 सीटों पर पहले चरण का मतदान हुआ।
- 1,314 उम्मीदवारों का फैसला जनता ने किया।
नालंदा, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के नालंदा में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को लेकर उत्साह का माहौल देखने को मिला। मतदाताओं ने अपने मुद्दे भी साझा किए। उन्होंने कहा कि कई मुद्दे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख रोजगार है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मतदाता रजनीश कुमार ने कहा कि हम लोग यहां मतदान करने आए हैं, और बहुत उत्साहित हैं। हमारे सामने आज कई मुद्दे हैं, जिनके लिए हम मतदान कर रहे हैं। लेकिन, मैं समझता हूं कि हमारे बीच सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार है। यह दुखद है कि किसी भी सरकार ने बिहार में रोजगार पर उतना ध्यान नहीं दिया, जितना देना चाहिए था। ऐसे में, हम अपने राज्य में एक ऐसी सरकार चाहेंगे, जो रोजगार को प्राथमिकता की सूची में शीर्ष पर रखे।
उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार के लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, जहां उन्हें अमर्यादित व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इसलिए, इस बार हम एक ऐसी सरकार चाहेंगे जो जनता की जरूरतों पर ध्यान दे। इस बार हम प्रदेश में एक ऐसी सरकार चाहते हैं, जो हमारे मुद्दों को उठाए।
मतदाता उमेश यादव ने कहा कि मतदान को लेकर हम बहुत उत्साहित हैं। यह इसी का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग मतदान करने आए हैं। मैं कहना चाहता हूं कि हम एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो हमारे मुद्दों को प्राथमिकता दे। हम एक ऐसी सरकार नहीं चाहेंगे, जो हमारे हितों की उपेक्षा करे।
मतदाता नीता सिंह ने कहा कि हम प्रदेश में एक ऐसी सरकार चाहेंगे, जो प्रदेश के लोगों के हितों पर ध्यान दे और उनके मुद्दों को उठाए। हम मतदान को लेकर काफी उत्साहित हैं।
बता दें कि बिहार में पहले चरण के मतदान में 121 सीटों पर वोटिंग हुई। मतदान को लेकर लोगों में उत्साह और उमंग का माहौल दिखा। इस चरण में 1,314 उम्मीदवारों का फैसला प्रदेश की जनता करने जा रही है।