क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर और पीठासीन पदाधिकारियों की जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है?

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क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर और पीठासीन पदाधिकारियों की जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में, निर्वाचन आयोग ने माइक्रो ऑब्जर्वर और पीठासीन पदाधिकारियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया है। यह टीम 17 और 18 अक्टूबर को जांच करेगी, जिससे सभी चुनावी गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल सकें। जानिए इस प्रक्रिया के बारे में और भी महत्वपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • मेडिकल टीम का गठन चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए किया गया है।
  • जांच 17 और 18 अक्टूबर को होगी।
  • सभी संबंधित अधिकारियों को समय पर जांच में उपस्थित होना अनिवार्य है।
  • बाद में किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए आवेदन नहीं स्वीकार किए जाएंगे।
  • ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन में सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को कवर किया गया है।

पटना, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया है। यह टीम 17 और 18 अक्टूबर को संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले साक्ष्य और प्रमाण पत्रों के आधार पर उनकी जांच करेगी।

आयोग ने शुक्रवार को बताया कि जो माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी गंभीर बीमारी, रोग या दिव्यांगता के कारण निर्वाचन कार्य करने में असमर्थ हैं, उन्हें सूचित किया गया है कि उनके स्वास्थ्य संबंधी विषय को लेकर चिकित्सा जांच दल का गठन किया गया है।

निर्वाचन आयोग ने इस संदर्भ में संबंधित पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित तारीखों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक मेडिकल टीम के सामने उपस्थित हो सकते हैं। पटना के गांधी मैदान स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में इन पदाधिकारियों की जांच की जाएगी।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियत तारीख के बाद किसी भी गंभीर बीमारी, रोग या विकलांगता के आधार पर चुनाव कार्य से मुक्त करने के लिए कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 9 और 10 अक्टूबर को सभी रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 243 आरओ और 1418 एआरओ ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

इस ट्रेनिंग सेशन में नामांकन प्रक्रिया, योग्यता-अयोग्यता, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी), नामांकन वापसी, प्रतीक आवंटन, मतदान के दिन की व्यवस्थाएं और मतगणना समेत चुनाव संचालन के सभी चरणों को कवर किया गया। राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर्स ने आरओ और एआरओ के शंकाओं का समाधान किया, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

निर्वाचन आयोग, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 21 सहपठित धारा 24 के अनुसार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) को नामित या मनोनीत करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव कानून और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार आयोजित किए जाएं। निर्धारित अवधि के दौरान आरओ और एआरओ आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन होंगे।

आयोग मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों के लिए एप्लीकेशन का ट्रायल रन भी आयोजित करेगा। ये सत्र संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की ओर से अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित राज्य क्षेत्रों में आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त होंगे।

Point of View

बल्कि मतदाता के विश्वास को भी मजबूत करेगा।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

मेडिकल टीम का गठन क्यों किया गया है?
मेडिकल टीम का गठन इसलिए किया गया है ताकि चुनाव में नियुक्त माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी की स्वास्थ्य स्थिति की जांच की जा सके।
जांच कब होगी?
जांच 17 और 18 अक्टूबर को की जाएगी।
अगर किसी को बीमारी है तो क्या होगा?
यदि कोई माइक्रो ऑब्जर्वर या मतदान पदाधिकारी गंभीर बीमारी या दिव्यांगता के कारण कार्य नहीं कर सकते, तो उन्हें इसकी सूचना दी गई है।