क्या बीजापुर में महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम ने बालिकाओं को सेनेटरी किट और करियर मार्गदर्शन दिया?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है।
- स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
- स्वावलंबन के लिए शिक्षा जरूरी है।
- समाज की मुख्यधारा में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है।
- इस तरह के कार्यक्रमों से सकारात्मक बदलाव संभव हैं।
बीजापुर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई। सीआरपीएफ की कमांडेंट कमल सिसोदिया के नेतृत्व में बीजापुर स्थित बालिका बाल गृह में स्वच्छता, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और भविष्य निर्माण से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पिछड़े और जनजातीय वर्ग की महिलाओं और बालिकाओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम के दौरान कमल सिसोदिया ने महिलाओं और युवतियों के लिए सेनेटरी पैड का वितरण किया। उन्होंने बताया कि महिला स्वास्थ्य की अनदेखी समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सेनेटरी पैड का नियमित उपयोग स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और इससे आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
कई महिलाओं ने इस पहल की सराहना की और इसे अपने जीवन के लिए उपयोगी बताया। साथ ही, कार्यक्रम में छोटी बालिकाओं के लिए विशेष रूप से तैयार की गई सफाई किट का वितरण भी किया गया, जिसमें साबुन, टूथब्रश, टूथपेस्ट, तौलिया और अन्य स्वच्छता सामग्री शामिल थी। बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व समझाते हुए सिसोदिया ने कहा कि बचपन में स्वच्छता की आदतें डालने से बीमारियों से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू बाल गृह की बालिकाओं के लिए करियर मार्गदर्शन सत्र था। इस दौरान, कमल सिसोदिया ने बालिकाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि अगर आज की बालिकाएं सही मार्गदर्शन और अवसर प्राप्त करें, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों की जानकारी देते हुए बालिकाओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
महिला स्वास्थ्य और विकास पर जोर देते हुए कमांडेंट सिसोदिया ने कहा कि महिलाओं को केवल परिवार तक सीमित न रखते हुए समाज की मुख्यधारा में जोड़ना आवश्यक है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वावलंबन ही महिला सशक्तीकरण की असली कुंजी है। उन्होंने महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया।
कमल सिसोदिया लंबे समय से महिला स्वावलंबन, बाल विकास और महिला सशक्तीकरण पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। वे विभिन्न पिछड़े और दूरदराज इलाकों में जागरूकता और सहायता कार्यक्रम आयोजित करती रही हैं। उत्तर-पूर्व भारत, मध्य भारत और जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों में उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिससे हजारों महिलाओं को लाभ मिला है।
बीजापुर प्रवास के दौरान उन्होंने यहां के जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं के विकास हेतु इस विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। उनका यह प्रयास न केवल बाल गृह की बालिकाओं को प्रेरित करता है, बल्कि स्थानीय महिलाओं में भी सकारात्मक संदेश फैलाता है। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने इसे अपने जीवन में बदलाव लाने वाला कदम बताया।
कार्यक्रम के अंत में बाल गृह प्रबंधन और स्थानीय प्रतिनिधियों ने कमल सिसोदिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज के कमजोर वर्गों के लिए आशा की किरण हैं। बीजापुर जैसे पिछड़े और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इस तरह की पहल महिलाओं और बालिकाओं के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य जागरूकता और स्वावलंबन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ।