क्या बिजनौर में आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा में दूसरे की जगह पेपर देना संभव था?

सारांश
Key Takeaways
- बिजनौर में सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ।
- 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
- गैंग के मास्टरमाइंड आनंद कुमार हैं।
- गैंग ने अभ्यर्थियों से बड़ी रकम वसूली।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने मामले का पर्दाफाश किया।
बिजनौर, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस ने आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा में नकल करने वाले और किसी और के स्थान पर बैठकर परीक्षा देने वाले एक विशाल सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसमें 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। यह कार्रवाई बीआर परीक्षा केंद्र के संचालक शैलेंद्र वाजपेयी की ईमेल से मिली सूचना के आधार पर की गई।
गिरफ्तार किए गए गैंग के एक सदस्य अभिषेक, जो बिहार के पटना का निवासी है, को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उसे आदित्य नामक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देते समय पकड़ा गया था। उनकी पूछताछ में पुलिस को गैंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
जांच में यह भी सामने आया है कि अभिषेक पिछले कई वर्षों से अलग-अलग अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा दे चुका है। गैंग का मास्टरमाइंड आनंद कुमार अभ्यर्थियों से 2 लाख रुपए की अग्रिम राशि लेता था और पास होने पर प्रति अभ्यर्थी 5 लाख रुपए से अधिक वसूलता था।
गिरफ्तार किए गए सॉल्वर और अभ्यर्थी इस गिरोह का हिस्सा थे। पुलिस ने पता लगाया कि गैंग के कई सदस्य अलग-अलग बैंकों में काम कर रहे हैं। यह गैंग बिहार के पटना निवासी रोहित के माध्यम से अभ्यर्थियों को जोड़ता था।
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि 5 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग गलत तरीके से परीक्षा दे रहे हैं। इसके बाद अभिषेक को गिरफ्तार किया गया और पूरी गैंग का पर्दाफाश हुआ।
उन्होंने कहा कि गैंग का मास्टरमाइंड आनंद कुमार उत्तर प्रदेश के संभल जिले में यूपी ग्रामीण बैंक में कार्यरत है और अपने साथियों गौरव आदित्य, हर्ष, भगीरथ, सुधांशु, धनंजय, राजीव नयन पांडेय, मुकेश और आशीष रंजन के साथ सॉल्वर गैंग चला रहा था।