क्या भाजपा और आरएसएस इतिहास को नहीं पढ़ना चाहतीं?
सारांश
Key Takeaways
- प्रियांक खड़गे ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा प्रहार किया।
- उन्होंने आरोप लगाया कि ये संगठन एक वैकल्पिक इतिहास में जी रहे हैं।
- खड़गे ने भाजपा नेताओं को ऑर्गनाइजर पत्रिका पढ़ने की सलाह दी।
- उनके बयानों से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
बेंगलुरु, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरएसएस और भाजपा पर कड़ा हमला किया है।
खड़गे ने स्पष्ट किया कि भाजपा और आरएसएस एक ऐसा वैकल्पिक इतिहास गढ़ने में लगे हैं, जो वास्तविकता से परे है।
उन्होंने कहा, "विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, भाजपा और आरएसएस उस इतिहास में जीते हैं, जिसे उन्होंने स्वयं बनाया है। सच्चाई यह है कि 1930 के दशक में रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि 'वंदे मातरम' केवल मातृभूमि के लिए लिखा गया गीत है, न कि किसी जॉर्ज पंचम या जॉर्ज चतुर्थ के सम्मान में। यह बात ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित है।"
खड़गे ने यह भी कहा कि भाजपा और आरएसएस को अपने इतिहास को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "यदि भाजपा के नेता और सभी स्वयंसेवक आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' में प्रकाशित संपादकीयों का अध्ययन करें, तो वे देखेंगे कि वे कितनी बार राष्ट्र-विरोधी रुख अपनाते रहे हैं।"
खड़गे ने आग्रह किया कि भाजपा के नेता और स्वयंसेवक पूर्व में प्रकाशित लेखों का अध्ययन करें, ताकि उन्हें यह समझ में आए कि उन्होंने इतिहास में किस प्रकार के विचार प्रस्तुत किए हैं और उनके रुख का देश पर क्या प्रभाव पड़ा है।
ज्ञात रहे कि कर्नाटक के भाजपा सांसद विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रगान 'जन गण मन' ब्रिटिशों के स्वागत के लिए लिखा गया था, जबकि उस समय 'वंदे मातरम' को राष्ट्रगान बनाए जाने की मांग उठी थी। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
हालांकि, भाजपा और आरएसएस की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।