क्या भाजपा बड़हरा सीट पर राजद के गढ़ में जीत का लय बरकरार रख पाएगी?

Click to start listening
क्या भाजपा बड़हरा सीट पर राजद के गढ़ में जीत का लय बरकरार रख पाएगी?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच, बड़हरा विधानसभा सीट पर भाजपा और राजद के बीच का मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। राघवेंद्र प्रताप सिंह और रामबाबू पासवान आमने-सामने हैं। जानें इस राजनीतिक समीकरण के बारे में।

Key Takeaways

  • भाजपा ने बड़हरा सीट पर जीत का लय बरकरार रखने का प्रयास किया है।
  • राजद ने नए उम्मीदवार के साथ चुनौती पेश की है।
  • स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
  • जनसंख्या और मतदाता आंकड़े महत्वपूर्ण हैं।
  • बाढ़ और पेयजल की समस्या पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गढ़ माने जाने वाले कई क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कमल का फूल खिलाया था। इनमें से एक महत्वपूर्ण सीट है भोजपुर जिले की बड़हरा विधानसभा, जहां भाजपा ने राजद के किले में सेंध लगाते हुए जीत हासिल की थी।

भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने राजद के उम्मीदवार सरोज यादव को हराया था। यह मुकाबला काफी कठिन था। 2025 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा और राजद के बीच जोरदार टक्कर की उम्मीद है।

भाजपा ने फिर से राघवेंद्र प्रताप सिंह पर विश्वास जताया है, जबकि राजद ने रामबाबू पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है।

राघवेंद्र प्रताप सिंह की राजनीतिक यात्रा दिलचस्प रही है। वह 2010 में राजद के टिकट पर बड़हरा से विधायक बने थे, लेकिन 2015 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर तीसरे स्थान पर रहे। राजद की सरोज यादव ने उस चुनाव में जीत हासिल की थी। 2020 में राघवेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा के टिकट पर वापसी की और राजद को हराकर सीट पर कब्जा कर लिया। इस बार भी पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है।

इस विधानसभा की कुल जनसंख्या 5,35,008 है, जिनमें 2,82,824 पुरुष और 2,52,184 महिलाएं हैं। कुल मतदाता 3,11,962 हैं, जिनमें 1,67,669 पुरुष, 1,44,286 महिलाएं और 7 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।

इस विधानसभा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि (धान, मक्का) पर निर्भर है, लेकिन बाढ़ और बुनियादी ढांचे की कमी लोगों के जीवन को कठिन बनाती हैं। गंगा नदी के किनारे होने के कारण मानसून में बाढ़ आम है। तटबंध टूट जाते हैं, फसलें डूब जाती हैं, और घर उजड़ जाते हैं। इस विधानसभा में टूटी सड़कों की मरम्मत समय-समय पर की जाती है, लेकिन बरसात में सड़कें तालाब का रूप ले लेती हैं। पेयजल की समस्या भी लोगों के लिए चिंता का विषय है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि हम ऐसी सरकार चाहते हैं जो हमारे लिए रोजगार की व्यवस्था करे, बाढ़ और सूखे के कारण होने वाले नुकसान के लिए उचित मुआवजा दे, गांव-गांव में बिजली की व्यवस्था करे, और साफ पेय जल सुनिश्चित करे। नई सड़कें बनाई जाएं, और स्कूलों और अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधारी जाएं।

Point of View

बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

बड़हरा विधानसभा की कुल जनसंख्या क्या है?
बड़हरा विधानसभा की कुल जनसंख्या 5,35,008 है।
इस विधानसभा में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
इस विधानसभा में बाढ़, कृषि, और पेयजल की समस्या प्रमुख मुद्दे हैं।
कौन से नेता इस बार चुनाव में भाग ले रहे हैं?
इस बार भाजपा से राघवेंद्र प्रताप सिंह और राजद से रामबाबू पासवान चुनाव लड़ रहे हैं।
Nation Press