क्या भाजपा का चेन्नई कॉर्पोरेशन के टेंडर एक्सटेंशन में 4,000 करोड़ रुपए का 'स्कैम' है?

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क्या भाजपा का चेन्नई कॉर्पोरेशन के टेंडर एक्सटेंशन में 4,000 करोड़ रुपए का 'स्कैम' है?

सारांश

क्या भाजपा नेता के. अन्नामलाई का आरोप सही है? चेन्नई कॉर्पोरेशन पर 4,000 करोड़ रुपए के कचरा अनुबंध की समय सीमा को बढ़ाने का आरोप, एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने की कोशिश। जानें इस विवाद की पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • 4,000 करोड़ रुपए का टेंडर विवादित है।
  • टेंडर की समय सीमा को बढ़ाने का आरोप।
  • भ्रष्टाचार के संकेत।
  • अन्य कंपनियों को अन्याय हुआ।
  • जांच की मांग उठाई गई है।

चेन्नई, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के. अन्नामलाई ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन पर 4,000 करोड़ रुपए के विशाल कचरा संग्रहण अनुबंध की समय सीमा को गैर-कानूनी तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह कदम एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है और इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने तुरंत टेंडर रद्द करने और इस निर्णय की सम्पूर्ण जांच की मांग की।

कंपनी ने जुलाई में टोंडियारपेट और अन्ना नगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण सेवा के लिए बोली लगाई थी। इस 10 वर्षीय अनुबंध की कुल लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपए है।

अन्नामलाई के अनुसार, गुरुवार को दोपहर 3 बजे अंतिम समय सीमा तय होने से पहले टेंडर को चार बार टाला गया। उस समय तक, तीन कंपनियों ने अपनी बोली प्रस्तुत कर दी थी। अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि खरीद नियमों का उल्लंघन करते हुए, निगम ने 21 नवंबर को आधिकारिक विंडो बंद होने के बाद एक नया कट-ऑफ घोषित किया और समय सीमा को एक दिन और बढ़ाया।

आखिरी मिनट में इस बदलाव के बाद एक और कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह एक्सटेंशन एक सोची-समझी रणनीति प्रतीत होती है जिसका उद्देश्य एक विशेष कंपनी की सहायता करना था, खासकर क्योंकि अधिकारियों को समय सीमा समाप्त होने के बाद पहले तीन प्रतिभागियों की बोली की कीमतों के बारे में जानकारी मिली।

अन्नामलाई ने कहा कि बोली के विवरण का आकलन करने के बाद एक नई कंपनी को अनुमति देने से पूरी प्रक्रिया की निष्पक्षता और ईमानदारी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि समय सीमा के बाद टेंडर एक्सटेंशन न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह सार्वजनिक अनुबंधों की मांग वाली पारदर्शिता को भी गंभीर रूप से कमजोर करता है।

उन्होंने कहा कि जिन तीन कंपनियों ने मूल समय सीमा का पालन किया, उन्हें अन्याय से नुकसान पहुंचाया गया और इस तरह के उल्लंघन से एक्सटेंशन के पीछे के उद्देश्य पर संदेह उत्पन्न होता है। अन्नामलाई ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान स्थिति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की ओर स्पष्ट संकेत करती है।

उन्होंने आरोप लगाया, "जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया गया है, जो 4,000 करोड़ रुपए के घोटाले का मार्ग प्रशस्त करता है।"

उन्होंने चेन्नई कॉर्पोरेशन से तत्काल टेंडर रद्द करने और 20 नवंबर की समय सीमा तक क्वालिफाई हुई कंपनी का विवरण सार्वजनिक करने की अपील की। अन्नामलाई ने समय सीमा समाप्त होने के बाद इसे बदलने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक व्यापक जांच की मांग की।

Point of View

बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है। यह आवश्यक है कि सभी पक्षों की जांच की जाए और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या चेन्नई कॉर्पोरेशन पर आरोप सही हैं?
भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच की आवश्यकता है।
टेंडर एक्सटेंशन का असली कारण क्या है?
अन्नामलाई का आरोप है कि यह एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया।
क्या इस मामले में कोई जांच हो रही है?
अन्नामलाई ने जांच की मांग की है।
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