क्या भाजपा वोटर लिस्ट से दलितों और पिछड़ों के नाम काट रही है? : राहुल गांधी

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा पर दलितों और पिछड़ों के नाम काटने का आरोप।
- राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा का आगाज।
- आदिवासियों के वन अधिकार की रक्षा का संकल्प।
- बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी।
- लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा का महत्व।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दलितों का दमन शुरू कर रखा है और उनके नाम वोटर लिस्ट से काटने का काम कर रही है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि 'कागज मिटाओ, अधिकार चुराओ'। भाजपा ने बहुजनों के दमन के लिए यह नया हथियार अपना लिया है। कहीं वोटर लिस्ट से दलितों और पिछड़ों के नाम काट दिए जाते हैं, तो कहीं आदिवासियों के वन अधिकार पट्टों को 'गायब' करवा दिया जाता है। बस्तर में 2,788 और राजनांदगांव में आधे से ज्यादा, छत्तीसगढ़ में हजारों वन अधिकार पट्टों का रिकॉर्ड अचानक लापता कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए वन अधिकार अधिनियम बनाया था, जबकि भाजपा उसे कमजोर कर उनका पहला हक छीन रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। आदिवासी इस देश के पहले मालिक हैं और हम हर हाल में उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे।
इससे पहले राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा कि 17 अगस्त से 'वोट अधिकार यात्रा' के साथ हम बिहार की धरती से 'वोट चोरी' के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ रहे हैं। यह केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, यह लोकतंत्र, संविधान और 'वन मैन, वन वोट' के सिद्धांत की रक्षा का निर्णायक संग्राम है।
उन्होंने आगे कहा कि हम पूरे देश में स्वच्छ मतदाता सूची बनवाकर ही रहेंगे। युवा, मजदूर, किसान, हर नागरिक, उठो और इस जनांदोलन से जुड़ो। अब की बार, वोट चोरों की हार, जनता की जीत, संविधान की जीत।
बता दें कि बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चलाया, जिसमें 65 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए गए।