क्या संगठन की असली ताकत बूथ कार्यकर्ता हैं? सरदार पटेल की जयंती पर अभियान: धर्मपाल सिंह
सारांश
Key Takeaways
- बूथ कार्यकर्ता संगठन की असली ताकत हैं।
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर प्रदेशव्यापी अभियान होगा।
- कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी नागरिकों तक पहुंचानी है।
- संगठन की मजबूती के लिए नियमित संवाद और अनुशासन आवश्यक है।
- 562 रियासतों का विलय सरदार पटेल के नेतृत्व का उदाहरण है।
लखीमपुर, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने शनिवार को लखीमपुर में पार्टी के पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों के साथ एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में आगामी संगठनात्मक कार्यक्रमों और सरदार वल्लभभाई पटेल की १५०वीं जयंती पर प्रस्तावित अभियानों की रूपरेखा पर चर्चा की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन की असली ताकत बूथ कार्यकर्ता हैं। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि भाजपा की सबसे बड़ी शक्ति बूथ स्तर का कार्यकर्ता है और संगठन की मजबूती का मूल मंत्र नियमित संवाद, जनसंपर्क और अनुशासन है। उन्होंने पदाधिकारियों से बूथ समितियों और पन्ना प्रमुखों के साथ सतत समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में केंद्र और प्रदेश सरकार ने गरीब, किसान, दलित, पिछड़े और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे सरकारी योजनाओं की जमीनी उपलब्धियों को नागरिकों तक पहुंचाने में पुल की भूमिका निभाएं।
धर्मपाल सिंह ने बताया कि सरदार पटेल की १५०वीं जयंती के अवसर पर ३१ अक्टूबर से ६ दिसंबर तक प्रदेशव्यापी 'यूनिटी अभियान' चलाया जाएगा। इसके तहत ३१ अक्टूबर को सभी जिलों में 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम, १ से २५ नवंबर तक प्रत्येक विधानसभा में ८ किमी की पदयात्राएं तथा करमसद से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक १५० किमी की राष्ट्रीय एकता यात्रा आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक जिले से पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे। अभियान के दौरान स्कूलों में निबंध, भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताएं तथा बूथ स्तर पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
धर्मपाल सिंह ने कहा, '562 रियासतों के विलय का कार्य सरदार पटेल की अद्वितीय राष्ट्रनीति और दृढ़ नेतृत्व का उदाहरण है।' उन्होंने कार्यकर्ताओं से अभियानों में अधिकतम भागीदारी, नियमित बूथ बैठक और जनसंपर्क बढ़ाने की अपील की, ताकि संगठनात्मक पकड़ और जनविश्वास मजबूत हो सके। बैठक में क्षेत्रीय और जिला स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे।