क्या भाजपा के 'राष्ट्रवाद' का काउंटर नैरेटिव किसी के पास नहीं है? - तारिक अनवर चंपारनी
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा का 'राष्ट्रवाद' का कोई काउंटर नैरेटिव नहीं है।
- चुनाव में 40 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
- जन सुराज ने एनडीए की जीत को 'खरीदा'
- स्वच्छ सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- बिहार की राजनीति में बदलाव की संभावना है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के नेता तारिक अनवर चंपारनी ने बिहार चुनाव के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विश्लेषण तो अगले पांच वर्षों तक चलता रहेगा, लेकिन तीन वर्षों तक बिहार की गलियों में घूमने के बाद, मेरा एक वाक्य में विश्लेषण है। भाजपा के 'राष्ट्रवाद' का काउंटर नैरेटिव किसी के पास नहीं है।
तारिक अनवर चंपारनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि जब तक इसका काउंटर नहीं आएगा, तब तक आप उन्हें अपशब्द बोलकर आत्मसंतुष्टि का आनंद लेते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जितना उन्हें अपशब्द कहा जाता है, गांव का गरीब हिंदू उसे अपने आत्मसम्मान और अभिमान से जोड़कर देखने लगता है।
बाद में उन्होंने यह भी लिखा कि मेरी बातों से सहमत होना या न होना आपका लोकतांत्रिक अधिकार है।
इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत को जन सुराज ने 'खरीदा' हुआ बताया। जन सुराज का मानना है कि सरकार ने जनता के पैसे से वोट खरीदे।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में इस जनादेश का सम्मान करते हुए मतदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने एनडीए की जीत पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि हमें और खुशी होती अगर एनडीए का प्रचंड बहुमत उनके कार्यों के आधार पर मिलता, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह प्रचंड बहुमत खरीदा गया है।
उन्होंने कहा कि जन सुराज और बिहार के लोगों का मानना है कि 21 जून के बाद चुनाव तक 40 हजार करोड़ रुपए खर्च कर बहुमत खरीदा गया। जनता के पैसे से जनता के वोट खरीदे गए और बिहार के भविष्य को बेचा गया। यह जो पैसे खर्च किए गए, वह बिहार की अर्थव्यवस्था में शक्ति नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुना जा रहा है कि विश्व बैंक से जो कर्ज मिला था, उसके पैसे भी महिलाओं को देने में लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जो पैसा मिला, उससे उन्हें लगा कि यह वरदान है। प्रचंड बहुमत का यही कारण है।
उन्होंने एनडीए से मांग की कि बिहार में एक स्वच्छ सरकार बने जिसमें भ्रष्ट और दागी लोगों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिले। सरकार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को उद्योग लगाने के बारे में सोचना चाहिए।