क्या भाजपा को हमेशा डर रहता है कि कोई उसके खिलाफ आवाज न उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
- फखरूल हसन चांद ने घुसपैठियों के मुद्दे पर सवाल उठाया।
- बिहार में इंडी गठबंधन की सरकार बनने की संभावना है।
- दीवाली पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रीन पटाखे का समर्थन किया गया।
- डोनाल्ड ट्रंप पर भी फखरूल हसन चांद की टिप्पणी महत्वपूर्ण है।
लखनऊ, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता फखरूल हसन चांद ने शनिवार को भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह सरकार हमेशा डरी रहती है, क्योंकि यह जनता के विचारों से भयभीत है। इस सरकार को हमेशा इस बात का डर बना रहता है कि कहीं कोई उसके खिलाफ आवाज न उठाए।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यदि विपक्ष का कोई नेता किसी महान हस्ती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करता है तो उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मेरा सीधा सवाल है कि सरकार को इससे क्या समस्या है? उसे खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने जेपी एनआईसी बिल्डिंग के संदर्भ में कहा कि यह सरकार इस बिल्डिंग को अपने उद्योगपति मित्रों को बेचना चाहती है। सरकार ने उन सभी संपत्तियों को निजी हाथों में बेच दिया है, जो सपा के शासनकाल में बनाई गई थीं। लेकिन अब हम यह संकल्प लेते हैं कि हम सरकार को किसी भी संपत्ति की बिक्री नहीं करने देंगे। हमारी पार्टी हमेशा जनता की आवाज उठाती रहेगी।
उन्होंने घुसपैठियों के मुद्दे पर भी भाजपा सरकार को निशाने पर लिया। उनका कहना था कि अगर देश में घुसपैठिए हैं, तो सरकार क्या कर रही है? सरकार को अपनी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए और यदि वह ऐसा करने में असफल है, तो उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। यह सरकार घुसपैठियों को रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि बिहार में निश्चित रूप से इंडी गठबंधन की सरकार बनने वाली है। बिहार की जनता इंडी गठबंधन के साथ है। भाजपा का कोई भी दांव सफल नहीं होने वाला है। प्रदेश की राजनीतिक स्थिति हमारे पक्ष में है। बिहार में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष एकजुट होकर काम कर रहा है।
साथ ही, उन्होंने ग्रीन पटाखे के संदर्भ में कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दीवाली का त्योहार मनाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए और प्रदूषण भी न फैले। अगर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रास्ता निकाला है, तो हमें इसका स्वागत करना चाहिए।
वहीं, उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने पर टिप्पणी की कि जब पूरी दुनिया में युद्ध चल रहा है और एक देश दूसरे देश पर चढ़ाई कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में अशांति का समर्थन नहीं करना चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि जिस प्रकार से डोनाल्ड ट्रंप दादागिरी कर रहे हैं, उन्हें वही दादागिरी के आधार पर नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। फिलिस्तीन और गाजा में लाखों निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो रही थी, तब वह अशांति फैलाने वाले पाकिस्तान के साथ खड़े थे। यदि दादागिरी करने का कोई पुरस्कार है, तो वह ट्रंप को मिलना चाहिए।