क्या भाजपा ने मोरपाल सुमन को अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया है।
- अंता सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को होगा।
- कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है।
- सैनी समुदाय का निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव है।
- राजस्थान में भाजपा ने 5 सीटें जीती हैं।
जयपुर, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव हेतु मोरपाल सुमन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
कम-प्रोफाइल छवि वाले स्थानीय नेता मोरपाल सुमन को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। वे बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं और सैनी समुदाय से आते हैं, जो इस निर्वाचन क्षेत्र के जातिगत समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोरपाल का चयन इस समुदाय को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
लंबी चर्चा के बाद पार्टी नेताओं ने मोरपाल के नाम पर सहमति जताई। प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दौड़ में थे, लेकिन भाजपा ने मोरपाल को चुना, क्योंकि सैनी समुदाय के उम्मीदवार को उतारना अंता के राजनीतिक समीकरणों के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
कंवरपाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण अंता सीट खाली हुई थी।
कंवरलाल मीणा को एक एसडीएम को पिस्तौल से धमकाने के 20 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित किया गया। कानून के अनुसार, किसी सीट के रिक्त होने के छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है।
इस उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है, जबकि नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में हिस्सा लिया है, जिससे त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है। उपचुनाव के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी।
1 अक्टूबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,26,227 मतदाता हैं, जिनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और चार अन्य शामिल हैं। हाल की मतदाता सूची संशोधन अभियान के दौरान कुल 1,336 नए मतदाता जोड़े गए।
भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। इनमें से भाजपा ने पांच सीटें (खिनवसर, देओली-उनियारा, झुंझुनू, रामगढ़ और सलूंबर) जीतीं, जबकि कांग्रेस एक सीट पर कब्जा कर पाई।