क्या भाजपा ने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को 'फ्लॉप' बताया?

सारांश
Key Takeaways
- 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन हुआ।
- भाजपा ने इसे फ्लॉप करार दिया।
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यात्रा पर सवाल उठाए।
- जागरूक मतदाता अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं।
- आगामी चुनावों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
पटना, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर के माध्यम से कथित तौर पर मतदाताओं के नामों को काटने के विरोध में विपक्षी दलों के महागठबंधन द्वारा आयोजित की गई 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन हो गया। अंतिम दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पटना में यात्रा निकाली गई। इस दौरान, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस यात्रा को फ्लॉप करार दिया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 'वोटर अधिकार यात्रा' पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य अपमानजनक टिप्पणियां करना, घुसपैठियों को संरक्षण देना, बिहारी के मान-सम्मान और अस्मिता के साथ खिलवाड़ करना और बिहार के लोगों को बदनाम करना था। देशवासियों ने देखा कि किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया।
उन्होंने तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार को नैतिक भ्रष्टाचार का पितामह कहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिस परिवार का इतिहास चारा घोटाला, दूध घोटाला और नौकरी घोटाला जैसा हो, उन्हें नैतिक भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार नहीं है। बिहार में ही नहीं, पूरे देश में भ्रष्टाचार का प्रतीक लालू परिवार है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान की कॉपी को जेब में लेकर घूमते हैं, वही लोग देश के संविधान और लोकतंत्र को हमेशा खतरे में डालते हैं।
वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' पूरी तरह से फ्लॉप रही। जनता ने इसे इस प्रकार नकार दिया कि यात्रा के समाप्त होने से दो दिन पहले उनके हताश समर्थक अपशब्द कहने लगे। बिहार की जनता अपमानजनक टिप्पणियां करने वालों का अगली चुनाव में सूपड़ा साफ कर देगी। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुलेगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने अपमानजनक टिप्पणियों के लिए माफी न मांगकर राजा जैसा अहंकार दिखाया है। बिहार के जागरूक मतदाताओं ने यात्रा से दूरी बनाकर स्पष्ट संदेश दिया है कि वे विदेशी घुसपैठियों और फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करने के चुनाव आयोग के अभियान के साथ हैं।