क्या भाजपा नेता धमकी की राजनीति कर रहे हैं? : टीकाराम जूली

सारांश
Key Takeaways
- टीकाराम जूली ने भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- राजस्थान राइजिंग अभियान को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
- भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भाजपा की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ताकत बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
- राजस्थान में नेताओं की पर्ची बदलने की संभावना जताई गई है।
अलवर, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान की जनता अमित शाह की बातों का उत्तर देगी। सरकार गठन के समय राजस्थान में जो पर्ची इन्होंने चलाई थी, गृह मंत्री उसी पर्ची पर मुहर लगाने आए हैं।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत करते हुए राजस्थान राइजिंग अभियान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार का दावा है कि ७ लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए हैं, जबकि राज्य का कुल बजट ही ३ लाख ८० हजार करोड़ रुपए का है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 'आंकड़ों का खेल' खेल रही है। इन आंकड़ों को तैयार कौन करता है, यह किसी को नहीं पता। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान राइजिंग से संबंधित सवालों के जवाब विधानसभा में नहीं दिए जाते, जो कि यह साबित करता है कि यह ‘असफल सरकार’ है।
टीकाराम जूली ने भ्रष्टाचार के मामलों पर भाजपा नेताओं पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भाजपा नेता धमकी की राजनीति करते हैं, या तो भाजपा में आ जाओ या जेल जाओ।"
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में इंडिया गठबंधन का माहौल मज़बूत है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हर चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं पर रेड कराकर पार्टियों को डराने की कोशिश करती है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और राजस्थान में अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा पर कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है और उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता हासिल करना है। इस बार बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी।
टीकाराम जूली ने संभावना व्यक्त की है कि राजस्थान में नेताओं की पर्ची बदल सकती है। प्रदेश में कई दिनों से चर्चा चल रही है कि पर्ची बदली जा सकती है, लेकिन किस-किस की पर्ची बदलेगी, यह समय बताएगा।