क्या बीजेपी सांसद मनोज तिवारी 30 साल बाद कांवड़ यात्रा पर बाबा वैद्यनाथ धाम के लिए निकल रहे हैं?

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क्या बीजेपी सांसद मनोज तिवारी 30 साल बाद कांवड़ यात्रा पर बाबा वैद्यनाथ धाम के लिए निकल रहे हैं?

सारांश

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, 30 साल बाद कांवड़ यात्रा पर बाबा वैद्यनाथ धाम जा रहे हैं। इस यात्रा का महत्व और उनके अनुभव को जानें।

Key Takeaways

  • मनोज तिवारी 30 साल बाद कांवड़ यात्रा पर हैं।
  • वह सुल्तानगंज से देवघर तक की यात्रा करेंगे।
  • दिल्ली सरकार ने यात्रा के लिए उचित इंतजाम किए हैं।
  • कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • यह यात्रा आस्था और भक्ति का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने गुरुवार को जानकारी दी कि वह बाबा वैद्यनाथ धाम की ओर कांवड़ यात्रा पर निकल रहे हैं। सांसद ने बताया कि यह यात्रा वह तीस साल बाद कर रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने कहा, "सुप्रभात, जय भोले की! आज 31 जुलाई को मैं 30 साल बाद फिर से कांवड़ उठाकर बाबा वैद्यनाथ धाम जा रहा हूं।"

उन्होंने आगे बताया कि आज (31 जुलाई) दोपहर 2 बजे बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर नंगे पांव 110 किलोमीटर की यात्रा करेंगे और 2 या 3 अगस्त को देवघर में बाबा वैद्यनाथ धाम में जल अर्पित करेंगे।

उन्होंने लिखा, "प्रार्थना है कि भोले बाबा बिहार, दिल्ली और सभी सनातनियोंशिव भक्तों का कल्याण करें। मैं 3 अगस्त की शाम दिल्ली लौटूंगा।" उन्होंने "बोल बम" के साथ अपनी पोस्ट को विराम दिया।

कांवड़ यात्रा एक प्रमुख हिंदू धार्मिक परंपरा है, जो सावन मास (श्रावण मास) में आयोजित होती है। इस वर्ष यह 11 जुलाई से शुरू हुई है और 9 अगस्त को समाप्त होगी। इस दौरान श्रद्धालु, या कांवड़िए, गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों से पवित्र जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में भगवान शिव को अर्पित करते हैं। यह यात्रा आस्था, समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। कांवड़िए नंगे पांव और कांवड़ (लकड़ी का ढांचा) पर जल भरा कलश लटकाकर सैकड़ों किलोमीटर चलते हैं। इसी क्रम में मनोज तिवारी बिहार के सुल्तानगंज से देवघर तक पदयात्रा करेंगे।

दिल्ली सरकार ने इस यात्रा को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं। सरकार ने प्रमुख मार्गों पर पानी, चिकित्सा शिविर और शौचालय की व्यवस्था की है। यातायात प्रबंधन के लिए वैकल्पिक रास्ते बनाए गए हैं और 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी जारी है, जबकि धारा 144 लागू कर भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित किया गया है। प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए रुकने और भोजन की व्यवस्था भी की है, ताकि यात्रा सुचारू और सुरक्षित रहे।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि धार्मिक परंपराएं आज भी समाज में गहराई से जुड़ी हुई हैं। यह यात्रा एक सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है जो राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को बढ़ावा देती है।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

मनोज तिवारी कांवड़ यात्रा पर कब निकले?
मनोज तिवारी ने 31 जुलाई को कांवड़ यात्रा पर निकलने की घोषणा की।
कहां से जल लेकर यात्रा शुरू करेंगे?
वह बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर यात्रा शुरू करेंगे।
कितनी दूरी तय करेंगे?
मनोज तिवारी कुल 110 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
दिल्ली सरकार ने यात्रा के लिए क्या इंतजाम किए हैं?
दिल्ली सरकार ने पानी, चिकित्सा शिविर और शौचालय की व्यवस्था की है।
कांवड़ यात्रा का महत्व क्या है?
कांवड़ यात्रा आस्था, समर्पण और भक्ति का प्रतीक है।