क्या भाजपा 'वंदे मातरम' गीत को राजनीति का मुद्दा बना रही है? विपक्ष के सांसदों का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- संसद में 'वंदे मातरम' पर चर्चा ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया।
- कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस गीत का राजनीतिक उपयोग कर रही है।
- स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान इस गीत से जुड़ा हुआ है।
- सभी दलों को संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के अंदर 'वंदे मातरम' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर तीखा प्रहार किया। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा 'वंदे मातरम' गीत को भी राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमन सिंह ने 'वंदे मातरम' पर टिप्पणी करते हुए भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि आजादी की लड़ाई में कांग्रेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, "'वंदे मातरम' हम सबके लिए गर्व का विषय है, लेकिन भाजपा इसे राजनीति में घसीट रही है। यदि उन्होंने आजादी से पहले 'वंदे मातरम' के लिए संघर्ष किया होता, तो उनके पास बोलने का हक होता।"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा का लोगों से कोई सरोकार नहीं है। लोग इस सरकार से दूर होते जा रहे हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों का मजाक उड़ा रही है।"
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "जब भारत की आजादी की लड़ाई अपने चरम पर थी, तब कांग्रेस 'वंदे मातरम' गाकर बलिदान का इतिहास बना रही थी। भाजपा के नेता उस समय अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे। अब वे अपने पाप का प्रायश्चित 'वंदे मातरम' पर चर्चा करके करना चाहते हैं।"
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं 'वंदे मातरम' पर चर्चा का स्वागत करती हूं। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यह वह इतिहास है जिसमें सभी भारतीय एकजुट होकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए खड़े हुए थे। इसलिए, आज की चर्चा देश के हित में होनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा, "यह हास्यास्पद है कि 'वंदे मातरम' पर चर्चा वही लोग कर रहे हैं, जिन्होंने राज्यसभा में 'एंटी-नेशन' नोटिफिकेशन जारी किया। यह स्पष्ट करता है कि भाजपा की 'करनी और कथनी' में बड़ा अंतर है।"
समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा हर विषय को विवादास्पद बनाने में लगी रहती है। उन्होंने कहा, "भाजपा केवल यह सोचती है कि 'वंदे मातरम' को किस प्रकार विवादित बनाया जाए।"
सपा सांसद ने कहा, "'वंदे मातरम' एक ऐसा गीत है, जिसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लड़ाई में जोश भरने के लिए गाया था। इसकी 150वीं सालगिरह पर सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए।"
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, "हम चर्चा में भाग लेंगे और अपनी बात रखेंगे।"
भाजपा के सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, "भाजपा के नेता आज 'वंदे मातरम' पर बोलेंगे, लेकिन उनके पूर्वजों ने कभी इसका समर्थन नहीं किया था। उनके लिए इसका कोई मतलब नहीं है।"