क्या वंदे मातरम पर भारत के लोगों को गर्व है? भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत

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क्या वंदे मातरम पर भारत के लोगों को गर्व है? भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत

सारांश

लोकसभा में वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर सांसद कमलजीत सहरावत ने गर्व की बात की। जानें इस चर्चा में क्या कुछ खास कहा गया।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम का 150वां वर्षगांठ मनाया गया।
  • यह गीत राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
  • सांसदों ने इस पर गर्व जताया।
  • विपक्ष भी इस चर्चा में शामिल हुआ।
  • देशभक्ति की भावना को पुनः जीवित किया गया।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर 10 घंटे की विस्तृत चर्चा प्रारंभ हो चुकी है। भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने इस संदर्भ में कहा कि इस गीत पर भारतीय जनता को गर्व है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए, भाजपा सांसद ने कहा कि वंदे मातरम ऐसा गीत है जिस पर सम्पूर्ण देश गर्व करता है। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है कि जब इसके 150 वर्षों का जश्न मनाने के लिए सदन में चर्चा हो रही है और हम सभी इसमें भाग ले रहे हैं। जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर ने इस चर्चा को सकारात्मक बताया।

भाजपा नेता अमित साटम ने बताया कि यह गीत सबसे पहले कांग्रेस के एक अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गाया गया था। इसके बाद, यह लगातार कांग्रेस के सत्रों में गाया जाता रहा, हालाँकि 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कुछ छंदों में परिवर्तन किए और कुछ को हटा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जो इसे गाना नहीं चाहता, वह न गाने के लिए स्वतंत्र है। 1938 के बाद से वंदे मातरम को लेकर एक विवाद उत्पन्न हुआ। आज भाजपा सरकार ने इस गीत को सम्मान प्रदान किया है।

भाजपा नेता अमित साटम ने कहा कि इस समय कौन सा चुनाव हो रहा है? हम वंदे मातरम के 150 वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, यह एक राष्ट्रीय गौरव का अवसर है, चुनावी कार्यक्रम नहीं। हम चुनाव के लिए काम नहीं करते हैं, हम अपने देश के लिए काम करते हैं।

भाजपा सांसद अरुण गोविल ने वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संसद में हुई चर्चा पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम हमारे देश का गौरव, इतिहास और संस्कृति है। विपक्ष चर्चा करना चाहता है, तो यह एक अच्छी बात है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वंदे मातरम एक देशभक्ति का गीत है, जिसने भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए प्रेरित किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस भूमि पर हम पैदा हुए, उस भारत माता को नमन करने का उपयोग विपक्ष राजनीति करने के लिए कर रहा है।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय पहचान और गर्व पर भी केंद्रित है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने सांस्कृतिक प्रतीकों का सम्मान करें और उनकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को समझें।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

वंदे मातरम का इतिहास क्या है?
वंदे मातरम को रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा और सबसे पहले कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया।
इस गीत का महत्व क्यों है?
यह गीत स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है और भारतीयों को देशभक्ति का जज्बा देता है।
क्या वंदे मातरम को गाना अनिवार्य है?
नहीं, इसे गाने के लिए कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र है।
वंदे मातरम का वर्तमान परिप्रेक्ष्य क्या है?
वर्तमान में यह गीत राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और इसे सम्मान दिया जा रहा है।
राजनीति में वंदे मातरम का उपयोग क्यों किया जा रहा है?
विपक्ष इसकी राजनीतिक महत्वता को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग कर रहा है।
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