क्या ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर तंज कसा? बिहार में एनडीए सरकार बन रही है!
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए सरकार की संभावनाएं प्रबल हैं।
- जातीय गोलबंदी प्रयास विफल रहे हैं।
- आवश्यकता है जागरूकता की।
- सच्ची राजनीति में जनता का महत्व है।
- अखिलेश यादव की स्थिति चिंताजनक है।
लखनऊ, १० नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव को लेकर आरोपों और उत्तरदायित्व का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग चुनाव में जातीय गोलबंदी करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार स्थापित होने जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कुर्सी से दूर होने के कारण चिंतित हैं। वह भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलते-बोलते अब भारत माता का विरोध करने लगे हैं, जो उचित नहीं है। उन्हें यह नहीं करना चाहिए था।
ब्रजेश पाठक ने एसआईआर मुद्दे पर अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी २००२ में ऐसा हुआ था, जब जिनकी मृत्यु हो गई थी या जो बाहर चले गए थे, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए थे। अब भी वही प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कुछ नया नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि क्या ऐसा हो सकता है कि एसआईआर लागू होने के बाद उनके प्रत्याशियों को वोट न मिले और वे चुनाव में बुरी तरह हार जाएं, क्योंकि बाहरी लोग ही उनका वोट बैंक हैं और प्रदेश की जनता उनके बारे में जागरूक हो चुकी है। इसीलिए वे बाहरी लोगों के नाम मतदाता सूची में डालकर चुनाव जीतने का प्रयास कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब चुनाव आयोग निष्पक्ष सूची बनाकर चुनाव कराना चाहता है तो उन्हें क्या समस्या है। ये लोग अब कभी भी जातिवाद का जहर जनता के बीच नहीं फैला पाएंगे, क्योंकि जनता जागरूक हो चुकी है।
बिहार के लोगों ने जंगलराज लौटने से रोकने के लिए एनडीए को वोट दिया है। १४ तारीख को फिर से प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए सरकार बनने जा रही है। जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन पर भरोसा है।