क्या बसपा की करनी और कथनी में फर्क है, जनता सपा के साथ है?

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क्या बसपा की करनी और कथनी में फर्क है, जनता सपा के साथ है?

सारांश

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच के विवादों पर जिया उर रहमान बर्क की प्रतिक्रिया ने सपा की स्थिति को मजबूती दी है। जानिए इस राजनीतिक उठापटक के पीछे की सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • बसपा की कथनी और करनी में अंतर है।
  • सपा ने सभी वर्गों के लिए काम किया है।
  • राजनीतिक आरोपों का आधार मजबूत होना चाहिए।
  • मायावती के आरोपों का जवाब बर्क ने दिया।
  • आने वाले चुनावों में सपा का ग्राफ बढ़ता दिख रहा है।

संभल, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) पर कड़ा हमला किया।

मायावती के बयान पर सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, “बसपा की करनी और कथनी में बहुत अंतर है। आज उत्तर प्रदेश में मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति (एससी) समाज पर अत्याचार हो रहा है और मायावती भाजपा की तारीफ कर रही हैं। यही कारण है कि बसपा आज राजनीति के हाशिए पर पहुंच गई है।”

उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का कार्य किया है और अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़ी रही है। मायावती के आरोप बेबुनियाद हैं। जनता जानती है कि कठिन समय में सपा ने ही उनका साथ दिया।

मायावती ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद कांशीराम के नाम पर बनी योजनाओं और संस्थाओं को बंद कर दिया। इस पर बर्क ने पलटवार करते हुए कहा, “बिना सबूत के इस तरह के आरोप लगाना गलत है। सपा सरकार में मुस्लिम, यादव और पीडीए समाज को जितना लाभ मिला, उतना बसपा शासन में कभी नहीं मिला। सपा का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है और भविष्य में पार्टी और मजबूत होगी।”

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अयोध्या में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी आजम खान से मुलाकात केवल वोट बढ़ाने की नौटंकी है। खन्ना ने तंज कसते हुए कहा, “जब आजम खान 23 महीने जेल में थे, तब अखिलेश ने कोई हमदर्दी नहीं दिखाई। अब चुनाव नजदीक आते ही यह दिखावा शुरू हो गया।”

सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने जवाब दिया, “अखिलेश यादव साफ दिल के इंसान हैं और पार्टी के सभी नेताओं का ध्यान रखते हैं। आजम खान से उनकी मुलाकात आपसी सम्मान और एकता का प्रतीक है, न कि कोई राजनीतिक नाटक।”

बर्क ने कहा कि भाजपा नेताओं को लगता है कि आजम खान और शिवपाल यादव मिलकर कोई नया गठबंधन बना सकते हैं, लेकिन यह उनकी कोरी कल्पना है। सपा के सभी नेता एकजुट हैं। भाजपा की सपा में फूट डालने की कोशिशें नाकाम रहेंगी। मीडिया के कुछ माध्यमों से भी भ्रम फैलाने की कोशिश हुई, लेकिन सपा पहले से अधिक मजबूत होकर उभर रही है। आने वाले समय में पार्टी और सशक्त रूप से सामने आएगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला हमेशा चलता रहेगा। जनता को सही जानकारी मिलनी चाहिए ताकि वे अपनी पसंद बना सकें।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

बसपा और सपा के बीच विवाद का कारण क्या है?
यह विवाद मायावती के बयानों और जिया उर रहमान बर्क की प्रतिक्रियाओं से उत्पन्न हुआ है।
क्या सपा ने समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा है?
हां, जिया उर रहमान बर्क ने बताया कि सपा ने हमेशा सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का कार्य किया है।