क्या रामगढ़ में बसपा उम्मीदवार की जीत मायावती के लिए एक नई उम्मीद है?
सारांश
Key Takeaways
- बसपा को स्वतंत्र चुनाव से अधिक सीटें मिल सकती थीं।
- सतीश कुमार यादव ने कड़े मुकाबले में जीत हासिल की।
- मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना की।
- विरोधी दलों के प्रयासों के बावजूद बसपा ने अपनी स्थिति को मजबूत किया।
- भविष्य के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता है।
लखनऊ, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर बसपा के उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव की जीत पर पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होते, तो बसपा को और अधिक सीटें मिलतीं।
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा, "बिहार विधानसभा के हाल ही में संपन्न आम चुनाव में कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट (संख्या 203) पर बसपा के उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव को जीत दिलाने के लिए पार्टी के सभी सदस्यों को बधाई और धन्यवाद। हालांकि, वहाँ के प्रशासन और अन्य विरोधी पार्टियों ने बसपा के उम्मीदवार को हराने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण उनका यह षड्यंत्र सफल नहीं हुआ।"
उन्होंने आगे कहा, "बिहार के अन्य सीटों पर भी विरोधियों को कड़ी टक्कर देने के बावजूद बसपा उम्मीदवार जीत नहीं सके। यदि चुनाव पूरी तरह से फ्री और फेयर होते, तो बसपा और भी कई सीटें जीत सकती थी। लेकिन इस स्थिति से पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि तैयारी के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।"
मायावती ने इस चुनाव में अपनी मेहनत के लिए बसपा के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा और बिहार में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं कांशीराम जी के सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करने की अपील की।
ज्ञात रहे कि बिहार की रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा के प्रत्याशी सतीश कुमार यादव ने कड़े मुकाबले में जीत हासिल की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह को मात्र 30 वोटों के अंतर से हराया।