क्या बुलंदशहर गैंगरेप मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया?
सारांश
Key Takeaways
- बुलंदशहर गैंगरेप मामला बहुत गंभीर है।
- सभी पांच आरोपियों को दोषी ठहराया गया है।
- 22 दिसंबर को सजा का ऐलान होगा।
- सीबीआई ने मामले की जांच की थी।
- नाबालिग पीड़िता के कारण मामला विशेष अदालत में चला।
बुलंदशहर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 2016 की घातक गैंगरेप और लूट से संबंधित मामले में विशेष जज (पॉक्सो) की अदालत ने आज सभी पांच जीवित आरोपियों को दोषी करार दिया है।
दोषी ठहराए गए आरोपियों के नाम हैं: जुबेर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, साजिद, धर्मवीर उर्फ जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप बाहेलिया और सुनील कुमार उर्फ सागर। अदालत 22 दिसंबर को उनकी सजा का ऐलान करेगी।
यह मामला 29 जुलाई 2016 की रात का है, जब दिल्ली से नोएडा जा रहे एक परिवार पर हथियारबंद हमलावरों ने हमला किया था। बंदूक की नोक पर परिवार के छह सदस्यों को बंधक बनाकर नकदी और गहने लूटे गए। इसके बाद एक नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ गैंगरेप किया गया, जिससे पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा हुआ था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के 12 अगस्त 2016 के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन की एफआईआर नंबर 838/2016 की जांच की, जिसमें बलात्कार, डकैती, बंधक बनाने और यौन उत्पीड़न के आरोप साबित हुए। सीबीआई ने नवंबर 2016 में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और अप्रैल 2018 में अन्य तीन के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दी। ट्रायल के दौरान एक आरोपी की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई।
लंबे ट्रायल के बाद आज अदालत ने बचे हुए पांच आरोपियों को सभी आरोपों में दोषी पाया। पीड़ित परिवार ने इस फैसले पर राहत जताई है, लेकिन कहा कि न्याय में देरी हुई। घटना के समय पीड़ित परिवार ने कड़ी सजा की मांग की थी और चेतावनी दी थी कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो आत्महत्या कर लेंगे।
गौरतलब है कि पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत नाबालिग पीड़िता होने के कारण मामला विशेष अदालत में चला।